नंदिता तनुजा
नाउम्मीद है दिल नाकाम नहीं
उदास है दिल प्यार में गुमनाम नही
महज़ किसी के रुठने से
प्यार के रिश्ते बदनाम नहीं
दूरियां सरहदों से जा मिले
साथ होना कोई इनाम नही
वक़्त पे हाथ छुड़ाए चल दे
प्यार में ऐसा मुकाम नहीं
दिल से वफ़ा का हुनर ले
जहाँ में वफ़ा का दाम नहीं
नसीब से किसे कब मिले
बयां जज़्बात सरेआम नहीं
ख्वाहिशों के तू हौंसले देख
‘नंदिता’ प्यार में कभी शाम नहीं