ग़रीबी चीज क्या होती है जनाब! क्या आप जानते हैं?
यदि नहीं, कभी फुर्सत मिले तो जरा उनसे पूछकर देखिए
जो नन्ही सी उम्र में वो छोटे बच्चे जो सयाने हो जाते हैं
बंटाने अपनी मां का हाथ काम पर उसके साथ जाते हैं।
देर रात तक राह देखते रोटी के इंतजामात की इस कदर
थककर मायूस होकर रोते और भूखे ही सो जाते हैं।
तन पर न मखमल न सोने को बिस्तर, ग़म नहीं
आती है नींद, आगोश में उसकी ऐसे ही सो जाते हैं ।
रात के घने अंधियारों को वो सब से यूं छुपाते हैं
मिली हुई एक रोटी से दो टुकड़े कल के लिए बचाते हैं
इस भागती दुनिया को नित सबक नया ये सिखाते हैं।
ये गरीबी है जनाब! ये दिन किसी न किसी के जरूर आते हैं।
सीमा शर्मा ‘तमन्ना’
नोएडा, उत्तर प्रदेश