हमको भी यारों जाना, तुमको भी यारों जाना,
तू माटी का है पुतला, माटी में है मिल जाना
कब किसको यारों जाना, ये कोई ना ठिकाना,
हमको भी यारों जाना, तुमको भी यारों जाना
कब किस के कंधे, किसका जनाजा है जाना,
ये कोई नहीं जाना, ये कोई नहीं जाना
जब मौत ने पुकारा, कुछ भी ना काम आया,
मरते हुए को यारों, कोई ना बचा पाया
ये दौलत और अटारी, सब यहीं रह जाना,
है खाली हाथ जाना, है खाली हाथ जाना
ये बेटा, बेटी, बीवी, कोई ना साथ जाना,
अकेला निर्दोष आया, अकेला ही जाना
तू माटी का पुतला, माटी में है मिल जाना,
मुठी बांधे आया, हाथ पसारे जाना
राजन कुमार झा
पटना, बिहार
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