मुंबई के आरे जगंल में पेड़ों की कटाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की विशेष पीठ ने पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ एक विधि छात्र ऋषभ रंजन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्णय सुनाया। मुम्बई के आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर याचिका पर अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी। साथ ही न्यायालय ने कहा कि इस पूरे मामले की समीक्षा करनी होगी।
मुंबई के आरे कॉलोनी में 2500 से अधिक पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब कुछ भी ना काटें। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की वन पीठ मुंबई के आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर याचिका पर 21 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। विशेष पीठ ने कहा कि हमने सबको सुना, आरे मिल्क कॉलोनी पहले अनक्लासिफाइड फारेस्ट था। बाद में उसे ट्रांसफर किया गया।
सरकार की तरफ से पेश हुए वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मेरा सुझाव है कि यहां किसी के पास नक्शा नहीं है। अभी रोक लगा दीजिए। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ठीक है, अभी कुछ मत काटिए बाद में तय किया जाएगा मेहता ने कहा कि आरे कॉलोनी का एरिया 3000 एकड़ है सिर्फ 2% लिया गया है, जिसपर शीर्ष अदालत ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, अगर पेड़ नहीं कट सकते थे तो नहीं कटने चाहिए। मुंबई के आरे जगंल में पेड़ों की कटाई के विरोध में विधि के छात्र ऋषभ रंजन नाम ने तत्काल सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखा था, जिसके आधार पर सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन किया गया है।