भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश सरकार अब ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स वसूलेगी। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने मध्य प्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके माध्यम से ऑनलाइन गेमिंग को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रावधान किया गया है।
विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा मध्यप्रदेश माल और सेवा कर संशोधन अध्यादेश-2024 को राजपत्र (असाधारण) में 27 जनवरी को प्रकाशित किया गया है। उन्होंने बताया कि विधि और विधायी कार्य विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार अध्यादेश की प्रतियाँ मध्यप्रदेश केन्द्रीय मुद्रणालय भोपाल की वेबसाइट www.govtpressmp.nic.in पर अपलोड की गई हैं।
दरअसल, जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन मप्र के अधिनियम में अभी तक इसको लेकर प्रावधान नहीं था। जीएसटी काउंसिल में निर्णय के बाद शिवराज कैबिनेट ने सितंबर 2023 को मध्य प्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन अध्यादेश के प्रारूप का अनुमोदन किया था, लेकिन इसे विधानसभा में प्रस्तुत नहीं किया जा सका था, इसलिए फिर से अध्यादेश लाया गया है। आगामी सात फरवरी से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में अध्यादेश के स्थान पर संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के अंतर्गत जुआ खेलना टैक्स के दायरे में है। ऑनलाइन गेमिंग के लिए जीएसटी में अलग से कोई एंट्री नहीं है। कुछ राज्यों ने ऑनलाइन गेमिंग को जुआ मानकर टैक्स लगा दिया है। मामला उच्चतम न्यायालय गया और कहा गया कि ऑनलाइन गेमिंग को जुआ नहीं कह सकते हैं। इस तरह उस पर टैक्स भी नहीं लगाया जा सकता है, इसलिए संशोधन करके अलग से एंट्री लाई गई है और फिर उस पर टैक्स लगाया गया है। जीएसटी परिषद की अनुशंसा पर केंद्र सरकार टैक्स लगा चुकी है। इसकी परिधि में दांव लगाना, कैसिनो, ध्रूतक्रीड़ा, घुड़दौड़, लाटरी, आनलाइन धनीय गेम शामिल हैं।