अपनी मांगों के लिए संघर्षरत मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों के नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों ने जनसभा, विरोध प्रदर्शन, रैली, ज्ञापन और पत्र लिखकर मुख्यमंत्री तक अपनी मांगों को पहुंचाया है, लेकिन अभी तक इसके सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं।
प्रदेश के मुखिया तक अपनी बात पहुंचाने अब प्रदेश के लगभग 45 हजार बिजली कर्मचारी 20 दिसंबर से 31 दिसंबर 2022 तक 11 दिन लगातार मुख्यमंत्री को पोस्टकार्ड लिखकर अपनी मांगों से अवगत कराते हुए सभी मांगों को मानने का निवेदन करेंगे।
बिजली कर्मचारियों की मांगों आउटसोर्स कर्मियों का संविलियन कर मानव संसाधन नीति का निर्माण किया जावे, वर्ष 2012 के पूर्व एवं वर्तमान आश्रितों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति दी जावे, भारतीय जनता पार्टी के जन संकल्प 2013 के अनुसार संविदा अधिकारियों एवं कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जावे तथा नियमित कर्मचारियों को फ्रिच बेनिफिट दिया जाए।
कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में 6 जनवरी 2023 से मध्य प्रदेश के 52 जिलों के आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारी अपने-अपने जिलों में अनिश्चितकालीन जेल भरो आंदोलन करेंगे।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष शंभूनाथ सिंह, प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव, संविदा अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अरुण ठाकुर, मध्य प्रदेश आउटसोर्स बिजली कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव, प्रदेश अध्यक्ष शिवनारायण राजपूत, महामंत्री राहुल मालवीय ने सभी बिजली कर्मियों से पोस्टकार्ड लिखने की अपील की है।