एमपी में तीस वर्ष की नौकरी के बाद जीपीएफ खाते से राशि गायब, कर्मचारियों को नहीं मिल रही लेखा पर्ची

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि शासन के आदेशानुसार 2021-2022 में कर्मचारियों के खातों में जमा जीपीएफ राशि की जानकारी 31 मार्च तक कर्मचारियों को दी जाना थी, लेकिन नियमित और कार्यभारित स्थापना के अनेक कर्मचारियों को आज दो माह पश्चात भी लेखा पर्ची नहीं दी गई है।

उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कुछ कर्मचारियों के खातों में लाखों रुपए कम दर्शाये गये है। जिसका सुधार हुआ या नहीं। इसकी जानकारी आज भी कर्मचारियों को नहीं दी गई है। कुछ कर्मचारियों की 30 या 35 वर्ष की नौकरी हो चुकी है, प्रतिमाह वेतन से राशि काट कर जीपीएफ खाते में जमा की जाती है। लेकिन लेखा पर्ची में जमा राशियों की जानकारी गलत ही आ रही है, इससे रिटायर या मृत कर्मचारियों के परिजनों को कार्यालयों के चक्कर काटना पड़ रहा है। कोषालय में भी जीपीएफ आहरण के समय लेखा पर्ची की माँग की जाती है, इसमें जमा राशि को ही मान्य किया जाता है। 

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटैरिया, मुकेश चतुवेर्दी, संतोष मिश्रा, नरेश शुक्ला, रविकांत दहायत, मुकेश मरकाम, अजय दुबे, योगेन्द्र मिश्रा, अजुर्न सोमवंसी, रविबांगड़, पीएल गौतम, संतोष दुबे ने सभी विभागों के अधिकारियों से समस्त नियमित एव कार्यभारित स्थापना कर्मचारियों को लेखा पर्ची, लेखा हकबंदी कार्यालय भोपाल से सुधार करवा कर देने की मांग की है।