मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों की उम्र का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मार्च एवं अप्रैल महीने में आउटसोर्स कर्मियों का अनुबंध समाप्त होने के बाद पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन के द्वारा कंपनी के लिए मैनपावर उपलब्ध कराने का ठेका ठेकेदारों को दिया गया और आउटसोर्स कर्मियों से पुनः अपनी आईडी एवं अन्य दस्तावेज कार्यालय में जमा करने को कहा गया। इस दौरान अनेक आउटसोर्स कर्मियों को ठेकेदार के द्वारा कहा जा रहा है कि आप लोगों की उम्र 45 साल से ज्यादा हो गई है आप लोगों को वापस नौकरी पर नहीं लिया जाएगा।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि तकनीकी कर्मचारी संघ द्वारा पूर्व में मुख्य अभियंता को ज्ञापन सौंपा गया था और उसमें मांग की गई थी कि जिन आउटसोर्स कर्मियों की उम्र 45 साल से ज्यादा हो गई है उन्हें न निकाला जाए, किंतु संघ के संज्ञान में आउटसोर्स कर्मियों के द्वारा ये बात लाई जा रही है कि 45 साल से ज्यादा उम्र होने पर आउटसोर्स कर्मियों को निकालने के आदेश किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विचारणीय प्रश्न यह है कि आउटसोर्स कर्मियों ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण 15 वर्ष पूर्व क्षेत्र कंपनी में कार्य करते हुए गुजर दिए, अपनी पूरी जवानी विद्युत कंपनी को दे दी, लेकिन अब उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है, जबकि उम्र के इस पड़ाव में उन्हें अन्यत्र नौकरी मिलना अत्यंत दुष्कर है। साथ ही यह मानवीय दृष्टि से भी अनुचित है।
हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है संघ शीघ्र ही श्रम आयुक्त से मिलकर आउटसोर्स कर्मियों को 45 साल की उम्र में नौकरी से निकालने के नियम की जानकारी लेगा। संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव, अजय कश्यप, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, लखन सिंह राजपूत, पीके मिश्रा, इंद्रपाल सिंह, विनोद दास, उत्तम पटेल, राकेश नामदेव, घनश्याम चौरसिया, अमीन अंसारी, वीरेंद्र विश्वकर्मा आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि वो ठेकेदार को आदेश करे कि 45 साल से ज्यादा उम्र के आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से न निकाला जाए।