मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की वित्तीय वर्ष 2022-23 में शिक्षक एवं कर्मचारियों को अपनी वेतन विवरणी के साथ 12 – सी फार्म भरकर संकुल प्राचार्यो के माध्यम से विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किया जाना है जिसके आधार पर आयकर की कटौती की जाएगी।
जिसके तहत शिक्षा विभाग के आला अधिकारी सीए से मिलकर एक पेज का फार्म बनवाकर 250 रूपये की मांग कर रहे हैं। सीए द्वारा उस फार्म के बदले 12सी जनरेट करेगा, फिर कर्मचारी स्वयं हस्ताक्षर कर जमा करेगा, अवैध वसूली का यह अभियान केवल शिक्षा विभाग में क्यों चलाया जा रहा है, जबकि आयकर विभाग में ऐसा कोई नियम नहीं है कि 12सी फार्म सीए के माध्यम से ही आहरण वितरण अधिकारी के पास जमा होंगें। शिक्षकों से होने वाली लाखों की वसूली में कोई विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी भी पीछे नहीं है। जबकि शिक्षक स्वयं ही 12सी फार्म भरकर जमा करने में सक्षम है, बीईओ जबलपुर द्वारा की जा रही अवैध वसूली से शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, नीरज मिश्रा, वीरेन्द्र चन्देल, एसपी वाथरे, चूरामन गुर्जर, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, प्रशांत श्रीवास्तव, शाहिल सिद्दीकी, गोविन्द विलथेर, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, राकेश राव, मनोज सिंह, विवेक तिवारी, सत्येन्द्र ठाकुर, आदि ने को जबलपुर कलेक्टर से मांग की है कि सीए के नाम पर शिक्षकों से हो रही अवैध वसूली पर रोक लगाई जावे।