मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जबलपुर डीईओ पर आरोप लगाते हुए कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गैर शिक्षकीय अमले लिपिक एवं भृत्य संवर्ग के लिए ऑफलाईन स्थानांतरण किये जाने के निर्देश दिए गए थे। लिपिक एवं भृत्य संवर्ग के लोक सेवकों को अपने स्वैच्छिक एवं आपसी स्थानांतरण के आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर को प्रस्तुत किया जाना था।
तदोपरांत उन आवेदनों पर जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रस्ताव तैयार कर संचालनालय भेजा जाना था, किन्तु जिले के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संचालनालय को लिपिक एवं मृत्य संवर्ग के स्थानांतरण प्रस्ताव, स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की त्रुटिपूर्ण जानकारी भेजी गई, जिस कारण जिले के लिपिक एवं भृत्य संवर्ग के स्थानांतरण आदेश जारी नहीं हो सके।
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर की लचर कार्यप्रणाली के चलते वर्षों से स्थानांतरण की बाट जोह रहे लिपिक एवं भृत्य स्थानातरण से वंचित हो गये, वहीं प्रशासनिक दृष्टि से जिले के अनेक संकुल आज भी लिपिक तथा भृत्य विहिन हैं। यदि स्थानांतरण के सही प्रस्ताव भेजे गये होते तो संभवतः जिले के संकुलों में लिपिक एवं भृत्य उपलब्ध हो सकते थे।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अटल उपाध्याय, संजय यादव, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, गोविन्द विल्यरे, रजनीश तिवारी, पवन श्रीवास्तव, चन्दु जाउलकर, शंकर वानखेडे, बिटू आलोवालिया, उमेश पारखी, विपिन शर्मा, वीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, साहिल सिद्दीकी, गोपाल नेमा, प्रशांत श्रीवास्तव, कमलेश यादव, पंकज शर्मा, राकेश तिवार आदि ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री को ईमेल भेजकर मांग की है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा स्थानांतण में की गई लापरवाही एवं अनियमितता के चलते उन्हें निलंबित किया जाए।