मध्य प्रदेश में कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों के विभागीय भविष्य निधि के अंतर्गत काटी गई राशि, जीपीएफ में नहीं जोड़ी जा रही है। जिससे अनेक कर्मचारियों के खातों से लाखों रुपए गायब है। इसके बाद भी अफसर सुधार करवाने में रुचि नहीं ले रहे है।
अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि पीडब्लूडी, शिक्षा, लोक स्वास्थ यांत्रिकी, हिरन जल संसाधन, राजस्व, वन और स्वास्थ विभाग के कार्यभारित स्थापना के समयपाल, चौकीदार, ड्राइवर, माली और हेल्परो के वेतन से विभागीय भविष्य निधि की राशियां काटी गई और शासन की योजना के अनुसार विगत वर्षों से जीपीएफ खाते में राशियां जमा हो रही है, जिसे इसी मद में जमा किया जा रहा है, लेकिन पूर्व की राशियां गायब है।
इसके कारण कर्मचारियों के खातों में लाखों रुपये कम जमा दर्शाए जा रहे हैं। जिससे अपने ही पैसों के लिए भटकना पड़ रहा है। अनुविभागीय अधिकारी स्तर के कार्यालयों में एंट्री करवाने के लिए महीनों चक्कर लगवाए जा रहे है। संयुक्त मोर्चा ने आरोप लगाया गया है कि मासिक वेतन से विभागीय भविष्य निधि के लिए काट कर जमा किए गए पैसे कर्मचारियों के जीपीएफ खातों में जोड़े न जाने के कारण लेखा हक बंदी जीपीएफ स्लिप में राशियां कम दिखाई दे रही है, जिससे अस्थाई अग्रिम, स्थाई अग्रिम या रिटायर होने के पश्चात भी राशियां नहीं मिल पा रही है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, देव दोनेरिया, संतोष मिश्रा, नरेश शुक्ला, विश्वदीप पटेरिया, योगेश चौधरी, प्रशांत सोधिया, संजय गुजराल, रविकांत दहायत, अजय दुबे, धीरेंद्र सिंह, मुकेश चतुर्वेदी, मुकेश मरकाम, योगेंद्र मिश्रा, आशुतोष तिवारी ने समस्त कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों के वेतन से काटने वाले वाली राशि कर्मचारियों की जीपीएफ खाते में जमा कर कर्मचारियों को मार्च के पहले जानकारी देने की मांग की है।