अनमोल एप को आर्थिक भुगतान से रखा जाये मुक्त: स्वास्थ्य कर्मियों को अधिकारी कर रहे प्रताड़ित

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सुपरवाइजर, एलएचव्ही, एमपीडब्ल्यू, एएनएम, आशा कार्यकर्ता द्वारा विगत दो वर्षों से कोरोना रोकथाम हेतु अपने सतत सेवाएं दी जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वेरीफायर एवं वैक्सीनेटर का कार्य इनके द्वारा लगातार किया जा रहा है, जिसके कारण अनमोल पोर्टल पर काम कम हो पाया।

इसके बावजूद विगत दो महीनों से स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि समस्त लक्ष्यों की पूर्ति शीघ्र पोर्टल पर की जाए, परंतु पोर्टल पर एंट्री करने के बाद भी डाटा सही अपडेट नहीं हो पा रहा है। इसके कारण पात्र हितग्राहियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज की जाती है।

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज होने पर अधिकारियों द्वारा जमीनी कार्यकर्ताओं पर दोषारोपण किया जा रहा है, जबकि हितग्राहियों को नियमानुसार भुगतान करने संबधी समस्त जिम्मेदारी ब्लॉक एवं जिला स्तर के अधिकारियों की होती है, न कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की? अनमोल पोर्टल से आर्थिक भुगतान संबधी प्रक्रिया से अलग रखते हुए पूर्ववत भुगतान प्रणाली अपनाई जाए।

संघ ने कहा कि केवल जांच एवं टीकाकरण जानकारी संबधी ही जानकारी ही अनमोल एप के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए, जिससे भुगतान संबंधी कोई कार्य अनमोल पोर्टल से न किया जाये जिससे सीएचओ एवं एएनएम को भुगतान संबंधी समस्याओं से निजात मिल सके। जबलपुर जिले में कर्मचारियों का वेतन रोकने की कार्यवाही की जा रही है, जिससे उनमें रोष व्याप्त है।

संघ के योगेंद्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, अशोक मेहरा, एसके वर्मा, नवीन यादव, परशुराम तिवारी, राजेश चतुर्वेदी, मनोज खन्ना, दिलराज झारिया, सतीश देशमुख, रमेश कांबले, सीएन शुक्ला, अमित पटेल, नीरज मिश्रा, विनीत विश्वकर्मा, अमित गौतम, रितुराज गुप्ता, संदीप चौबे, चूरामन गूजर, शैलेन्द्र दुबे, रामकृष्ण तिवारी, निशांक तिवारी, तुषरेन्द्र सिह, नीरज कौरव, मनोज सिंह, शेरसिंह, अभिषेक वर्मा, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, मनीष लोहिया, मनीष शुक्ला, मो. तारिक, श्याम नारायण तिवारी आदि ने कलेक्टर से मांग कि है कि अनमोल पोर्टल की तकनीकी खामियों को दूर करते हुए, इसे आर्थिक भुगतान की प्रक्रिया से मुक्त रखा जाये।