इंदौर (हि.स.)। शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही बरतने, अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं करने, विभागीय कार्य योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति योजना, छात्रावास आश्रम की मॉनिटरिंग, राहत योजना, आवास सहायता योजना, सी.एम. हेल्पलाईन आदि महत्वपूर्ण योजनाओं में रूचि नही लेने आदि लापरवाही और उदासीनता पर मंगलवार को इंदौर के जनजाति कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संभागीय उपायुक्त कार्यालय में पदस्थ प्रभारी क्षेत्र संयोजक (मंडल संयोजक) रामलाल चौहान को इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय खंड शिक्षा कार्यालय विकासखंड पानसेमल जिला बड़वानी रहेगा।
बताया गया कि पीजीडीएम छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत कतिपय व्यक्तियों द्वारा विद्यार्थियों के फर्जी एवं कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर सरकार को आर्थिक क्षति कारित करने के संबंध में इंदौर संभाग के महाविद्यालयों की जाँच के लिए गठित दल में रामलाल चौहान को सदस्य बनाया गया था। उक्त समिति के सदस्य के रूप में प्रभारी क्षेत्र संयोजक चौहान द्वारा छात्रवृत्ति में अनियमितता संबंधी गंभीर शिकायत प्रकरण मे जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।
जिसके परीक्षण उपरांत यह पाया गया कि शिकायत गंभीर प्रवृत्ति की होने के बाद भी प्रभारी क्षेत्र संयोजक चौहान द्वारा विभाग को गुमराह करने का प्रयास करते हुए भ्रामक व तथ्यहीन जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिससे यह स्पष्ट है कि जांच के दौरान प्रभारी क्षेत्र संयोजक श्री चौहान द्वारा पदीय दायित्वों का निर्वहन में रूचि नहीं ली गई। चौहान को “कारण बताओ सूचना पत्र” जारी किया गया एवं सूचना पत्र तामील भी करवाया गया। चौहान द्वारा इतने गंभीर प्रकरणों में “कारण बताओ सूचना पत्र” का उत्तर 9 माह बीत जाने के बाद भी प्रस्तुत नहीं किया गया। जिसके कारण जांच प्रकरण में विधि अनुसार आगामी कार्यवाही करने में बाधा उत्पन्न हुई।
संयोजक चौहान को कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला इंदौर में छात्रवृत्ति/आवास सहायता/सी.एम. हेल्पलाईन के गंभीर प्रकरणों के निराकरण हेतु समय सीमा मे संपादित करने हेतु आदेशित किया गया था किन्तु उनके द्वारा इस कार्य मे कोई रूचि नहीं ली गई फलतः अब तक की स्थिति में इंदौर जिले के सी.एम. हेल्प लाईन के कुल 1975 प्रकरण लंबित है।
प्रभारी क्षेत्र संयोजक चौहान द्वारा क्षेत्र संयोजक जैसे महत्वपूर्ण पद पर होने के पश्चात् भी इनके द्वारा छात्रावास आश्रमों के निरीक्षण रोस्टर प्रस्तुत नहीं किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में किसी भी जिलों के छात्रावास-आश्रमों के निरीक्षण संबंधी कोई भी प्रतिवेदन संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास इंदौर संभाग इंदौर को प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे इनके द्वारा अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में रूचि न लेना स्पष्ट प्रतीत हुआ जो कि गंभीर अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना गया।
उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट पाया गया कि चौहान द्वारा शासकीय कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही बरतने, अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन न करने, विभागीय कार्य योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति योजना, छात्रावास आश्रम की मॉनिटरिंग, राहत योजना, आवास सहायता योजना, सी.एम. हेल्पलाईन आदि महत्वपूर्ण योजनाओं में रूचि नहीं लेने का गंभीर कृत्य किया गया है।