भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) विभाग का सर्वे रविवार को 31वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली और भोपाल के 26 अधिकारियों की टीम 27 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
सर्वे टीमें के साथ 31वें दिन तीन नए अधिकारी नई उपकरणों के साथ जुड़े। उन्होंने दरगाह परिसर में भोजशाला परिसर के शिलालेख का अवलोकन किया और फाइबर शीट को निकलवाया। जिससे शिलालेखों की दीवारों पर बनी कलाकृतियां का अवलोकन किया। सर्वे टीम ने भोजशाला के स्तंभों, दीवारों पर लिखी लिखावट, शिलालेख की लिखावट की कार्बन डेटिंग की। इसके साथ ही भोजशाला परिसर पीछे की ओर खुदाई का काम भी जारी रहा।
सर्वे का काम पूर्ण होने के बाद टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि टीम में कई नई विधा के अधिकारी जुड़े थे, जिन्होंने भोजशाला के अंदर कार्बन डेटिंग का कार्य पूरा किया। भोजशाला के अंदर जितने भी पत्थरों-शिलालेख को और कमाल मौलाना की मस्जिद लगे खंभों, दीवारों और पत्थरों पर बनी आकृति और मज्जिद के बनी आकृति की कार्बन डेटिंग कर उसको पेपर रोल पर उतारा गया। भोजशाला के बाहर उत्खनन, अंदर ब्रशिंग और क्लीनिंग का काम भी हुआ। उन्होंने बताया कि आगे और भी लोग अलग-अलग विधाओं के नवीन उपकरणों के साथ जुड़ने वाले हैं।
वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने कहा कि आज बहुत महत्वपूर्ण दिन था, जो छोटी-छोटी चीजें लिखी हुई थीं, पत्थरों-दीवारों पर आकृतियां बनी हुई थीं। मस्जिद के अंदर जो आयतें लिखी हुई थीं, जिसको टीम ने पहले कवर कर रखा था, उसको अलग प्रकार से आज टीम में पेपर स्टाम्प पर उकेरा। दिनभर हर बारीक पहलु पर उन्होंने काम किया, वहीं गौशाला के पीछे उत्तरी क्षेत्र में एक 6/6 का गड्ढा चिन्हित किया गया है, जिसमें दो ढाई फीट तक खुदाई हुई है।