मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। राज्य शिक्षा केंद्र ने 11 अक्टूबर से ये नियम लागू किए जाने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए एम शिक्षा मित्र एप का उपयोग किया जाएगा।
शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। प्रधान अध्यापक के सामने शिक्षकों की अटेंडेंस एप के जरिए लगाई जाएगी। शिक्षा विभाग ने एम शिक्षा मित्र एप पर ऑनलाइन स्टूडेंट अटेंडेंस सिस्टम मॉड्यूल को तैयार किया है। फिलहाल ये ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था कक्षा पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए लागू की गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य शिक्षा केंद्र ने अपने आदेश में कहा है कि विद्यार्थियों की प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करने का सिस्टम विकसित कर विद्यार्थियों की औसत उपस्थिति को देखते हुए गुणवत्ता युक्त शिक्षा को प्रभावी बनाया जाएगा। कमजोर उपस्थिति वाले छात्रों की जानकारी एकत्रित कर कारणों का अध्ययन कर समाधान निकाला जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऑनलाइन उपस्थिति के लिए मोबाइल एप का होना जरूरी है। लेकिन दूरस्थ क्षेत्रों में बसे जिन गांवों के स्कूलों में मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलेगा, उन क्षेत्रों के लिए मोबाइल एप को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसे ऑफलाइन भी उपयोग किया जा सकेगा और यूजर के नेटवर्क एरिया में आने पर डेटा स्वत: ही अपलोड हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार ऑनलाइन उपस्थिति के लिए एम शिक्षा मित्र एप के माध्यम से शाला प्रारंभ होने के एक घंटे के अंदर विद्यार्थियों की अटेंडेंस दर्ज की जाएगी। वहीं शिक्षकों की अटेंडेंस प्रधानाध्यापक की मौजूदगी में एप के जरिए लगाई जाएगी।
गौरतलब है कि 2020 में भी स्कूल शिक्षा विभाग ने एम शिक्षा मित्र एप के जरिए बच्चों और शिक्षकों की अटेंडेंस ऑनलाइन लगाना अनिवार्य किया था, लेकिन शिक्षकों के विरोध और कोरोना काल के कारण यह संभव नहीं हो सका था।
इसके बाद शिक्षण सत्र 2022-23 के लिए 26 अगस्त से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शाजापुर, छिंदवाड़ा और बड़वानी जिले में ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम लागू किया गया था, जो सफल रहा। अब 11 अक्टूबर से इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।