मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों के निजीकरण के विरोध में प्रदेश के विद्युत अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है। मध्य प्रदेश विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संपूर्ण प्रदेश में निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत है।
संयुक्त मोर्चा द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार आंदोलन के दूसरे चरण में 7 अगस्त को संपूर्ण मध्य प्रदेश में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अस्पतालों को छोड़कर विद्युत उपभोक्ताओं की विद्युत संबंधी शिकायतों का निराकरण नहीं किया जायेगा, इस दौरान कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी कार्य नहीं करेगा।
संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि 7 अगस्त को बिजली के बिल भी नहीं भरे जाएंगे, फ्यूज कॉल अटेंड नहीं होगा, जो फीडर बंद होंगे, वह बंद ही रहेंगे और राजस्व संग्रहण कार्य भी नहीं होगा। संयुक्त मोर्चा ने आंदोलन के चलते प्रभावित होने वाले विद्युत उपभोक्ताओं की असुविधा के लिये क्षमा भी मांगी है।