मध्य प्रदेश में कलर कोड से चलेंगे ऑटो, सीएनजी ऑटो को परमिट में मिलेगी प्राथमिकता

मध्य प्रदेश के परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश में अब सभी प्रकार के ऑटो का संचालन कलर कोड के हिसाब से होगा। यह कलर कोड उस क्षेत्र के परमिट के हिसाब से निर्धारित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शहरी तथा गैर शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग परमिट जारी होंगे। परमिट के आधार पर ऑटो रिक्शा में कलर कोडिंग की जाएगी।

इसके तहत इलेक्ट्रिक एवं सीएनजी ऑटो रिक्शा के लिए पीला हुड और ग्रीन बॉडी तथा पेट्रोल एवं डीजल से संचालित ऑटो रिक्शा के लिए पीला हुड और काली बॉडी रहेगी। जबकि शहर के अलावा अन्य क्षेत्रों में संचालित ऑटो रिक्शा के लिए पीला हुड और लाल बाडी निर्धारित की गई है। ऑटो रिक्शा में 3 से अधिक यात्री बैठाने पर परमिट रद्द कर दिया जाएगा।

परिवहन मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि पर्यावरण की सुरक्षा एवं डीजल, पेट्रोल की खपत को रोकने के लिये सीएनजी ऑटो रिक्शा को परमिट देने में प्राथमिकता दी जाएगी। अस्थाई परमिट सिर्फ 4 माह के लिए वैध होगा, जबकि स्थाई परमिट 5 वर्ष के लिए जारी किया जाएगा। ऑटो रिक्शा में 3 सवारी तक की बैठक की क्षमता वाले वाहनों को परमिट प्रदान किया जाएगा।

परिवहन मंत्री ने बताया कि कलेक्टर, ई-रिक्शा के संचालन के लिए नगरीय जनसंख्या के आधार पर क्षेत्र एवं मार्ग को प्रतिबंधित कर सकेंगे। जबकि आरटीओ द्वारा शहरी तथा गैर शहरी क्षेत्र में ऑटो रिक्शा के संचालन के लिए क्षेत्र एवं मार्ग का निर्धारण किया जाएगा। सड़क सुरक्षा समिति की सलाह पर ऑटो रिक्शा स्टेण्ड का चिन्हांकन किया जाएगा।

परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि न्यू सीएनजी ऑटो पंजीयन एवं परमिट में 10 प्रतिशत की छूट तथा 10 साल पुराने ऑटो को सीएनजी में परिवर्तित कराने में स्थाई परमिट में 10 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी। इसके अलावा वाहन स्वामी ऑटो रिक्शा या ई-रिक्शा में किसी तरह का मोडिफिकेशन नहीं करा सकेगा। परिवहन मंत्री ने बताया कि हर ऑटो रिक्शा में एसपी, आरटीओ, यातायात पुलिस, एम्बुलेंस, डॉयल 100, महिला हेल्पलाइन, चाइल्ड हेल्प लाइन सहित महत्वपूर्ण फोन एवं मोबाइल नम्बर लिखना अनिवार्य होगा।