भोपाल, 8 फरवरी (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को बजट सत्र के दौरान लोकहित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रश्न एवं अल्प सूचना प्रश्न से जुड़ी नियमावली में बदलाव किया है। अब विधानसभा के विघटन के बाद भी लंबित प्रश्नों के जवाब सरकार द्वारा संबंधित सदस्य को प्रदान किए जाएंगे।
इस निर्णय से पहले जहां विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर पूर्व के सत्रों के लंबित प्रश्नों के अपूर्ण उत्तर नहीं दिए जाते थे और इससे लोकहित के कई विषयों पर कार्यवाही नहीं हो पाती थी, वहीं अब नए संशोधन से लंबित प्रश्नों के उत्तर विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी दिया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने 20 दिसंबर 2023 को अध्यक्ष पद पर निर्वाचन के बाद इस संबंध में घोषणा की थी। गुरुवार को विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के बाद तोमर ने विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर प्रश्न संदर्भ समिति के समक्ष लंबित प्रकरणों को शून्य एवं समाप्त कर दिये जाने के संबंध में यह घोषित किया है कि अब विधानसभा के विघटन के पूर्व सत्र तक लंबित प्रश्नों के अपूर्ण उत्तरों के उत्तर व्यपगत (वंचित या रहित) नहीं होंगे। इसके संबंध में परीक्षण कर प्रश्न एवं संदर्भ समिति द्वारा कार्यवाही की जाएगी तथा समिति द्वारा अनुशंसा सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए अध्यक्ष के स्थाई आदेश के अध्याय-3 प्रश्न एवं अल्प सूचना प्रश्न की कंडिका 13-क के बाद संशोधन द्वारा अंतः स्थापित नवीन कंडिका 13-ख को विलोपित कर दिया गया है। यह आदेश पूर्ववर्ती चतुर्दश एवं पंचदश विधानसभा के सभी लंबित प्रश्नों पर लागू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में चतुर्दश विधानसभा के प्रकरणों की संख्या 391 और 15वीं विधानसभा के प्रकरणों की संख्या 225 है। पूर्व नियमों के अनुसार ये स्वत: व्यपगत हो गये थे, किंतु नियम में संशोधन होने के बाद अब ये प्रश्न व्यपगत नहीं होंगे एवं इस संबंध में परीक्षण करके प्रश्न एवं संदर्भ समिति द्वारा कार्यवाही करके प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा।