मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि प्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिये पाठ्यक्रम के द्वितीय, तृतीय और अंतिम वर्ष के 17 विषय की पुस्तकों को हिंदी में तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है। मेडिकल पाठ्यक्रम के 17 विषय की पुस्तकों को हिंदी में तैयार करने के लिए प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को जोड़ा गया है। पुस्तकों के ट्रांसलिट्रेशन के लिये उन्नत स्तर के सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने ट्रांसलिट्रेशन के लिए चिकित्सकों का चिन्हांकन, चिकित्सकों की ट्रेनिंग, सॉफ्टवेयर से हिंदी ट्रांसलिट्रेशन का संस्करण तैयार करना, विशेषज्ञों द्वारा ट्रांसलिट्रेट की गई पुस्तकों का सत्यापन, सम्पादन और प्रिंटिंग कार्य आदि के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। विश्वास सारंग ने कहा कि मेडिकल पाठ्यक्रम में अंग्रेजी में उपलब्ध और प्रचलित लेखकों की स्टेंडर्ड किताबों का चयन कर हिंदी में ट्रांसलिट्रेशन किया जा रहा है। मेडिकल की हिंदी में पढ़ाई के लिये एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिंदी पुस्तकों को सफलतापूर्वक तैयार किया गया है। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के लिये हिंदी में पुस्तकें तैयार करने वाले सभी विषय विशेषज्ञों का आभार भी व्यक्त किया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस वर्ष 15 अगस्त के पहले एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के 3 विषय फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी को हिंदी में तैयार कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई की हिंदी में उपलब्ध करवाई जा रही पुस्तकों के लेखन में मेडिकल टर्मिनोलॉजी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मेडिकल के विषयों को लंबे समय से मेडिकल कॉलेज में पढ़ा रहे प्रोफेसर के मार्गदर्शन में पुस्तकें तैयार हो रही है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के हिंदी में पढ़ाई के लिए गठित हिंदी प्रकोष्ठ को सशक्त बनाया जाएगा।