भोपाल (हि.स.)। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के उपचार के लिए बनाए गए अस्पताल भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में बुधवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छापामार कार्रवाई की। सीबीआई के 15 अधिकारियों की टीम ने अस्पताल में पिछले साल हुई उपकरण खरीदी और मेंटेनेंस की फाइलों को रात करीब आठ बजे तक खंगाला।
बताया जा रहा है कि सीबीआई को बीएमएचआरसी में हुई खरीददारी में बड़ी मात्रा में गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, जिसके बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम ने बीएमएचआरसी की प्रभारी डायरेक्टर डॉ मनीषा श्रीवास्तव के चेंबर सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों में दस्तावेजों की जांच की। जांच के दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने बीएमएचआरसी के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की।
दरअसल, बीएमएचआरसी के इंजीनियरिंग सेल के उप संचालक एसआर गनवीर बुधवार को सेवानिवृत्त हुए। प्रशासनिक भवन में दोपहर करीब दो बजे उनका फेयरवेल चल रहा था। इसी दौरान सीबीआई की टीम यहां पहुंच गई और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाकर अस्पताल में छापामार कार्रवाई शुरू कर दी।
सीबीआई के निर्देश पर बीएमएचआरसी की प्रभारी डायरेक्टर डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने कार्रवाई पूरी होने तक सौ से ज्यादा कर्मचारियों को कैंपस में ही रोककर रखा। ये सभी कर्मचारी अस्पताल के गेट के बाहर बैठे रहे और कार्रवाई पूरी होने के बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई।
सीबीआई की कार्रवाई रात आठ बजे तक चलती रही। इस दौरान वहां पर मौजूद कर्मचारियों को अपने फोन का प्रयोग न करने की हिदायत दी गई और वहां मौजूद मरीजों के परिजनों को प्रशासनिक बिल्डिंग से दूर रहने के लिए कहा गया। सीबीआई टीम ने डायरेक्टर से पूछताछ की। यहां से बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं। मीडिया और अन्य लोगों को भी मौके से दूर रखा गया है। अंदेशा लगाया जा रहा है कि सीबीआई के छापे से बीएमएचआरसी में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा हो सकता है।
बताया जा रहा है कि साल 2023 में अस्पताल के इंजीनियरिंग सेल से संबंधित सामान खरीदी और मेंटेनेंस के काम हुए थे। इनमें गड़बड़ी की शिकायत सीबीआई को मिली थी। इसके बाद बुधवार को सीबीआई की टीम ने यहां दबिश दी। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कहा गया है कि यह छापा नहीं है। सीबीआई के अधिकारी सिर्फ दस्तावेज चेक करने और जानकारियां लेने के लिए आए थे।
अस्पताल की जनसम्पर्क अधिकारी कीर्ति चतुर्वेदी ने बताया कि संस्थान में भोपाल के कई नर्सिंग कालेजों के स्टूडेंट्स इंटर्नशिप के लिए आते हैं। सीबीआई की टीम ने इन्हीं संस्थानों से आए स्टूडेंट्स के दस्तावेजों की जांच की है। वहीं, अस्पताल की डायरेक्टर डॉ मनीषा श्रावास्तव ने बताया कि सीबीआई का यह रूटीन दौरा था। वे किसी सर्च वारंट के साथ नहीं थे। उन्होंने कुछ जानकारियां मांगी, जो उपलब्ध करा दी गई है। हालांकि, इस बारे में सीबीआई के अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।