मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा देश के शिक्षकों सहित समस्त आयकर दाताओं से लगने वाले आयकर पर 1 प्रतिशत शिक्षा उपकर लिया जाता है। जिसका उपयोग केन्द्र सरकार द्वारा केवल शिक्षा के क्षेत्र में किया जाता है। शिक्षक जीवन पर्यन्त विषम परिस्थितियों तथा सुविधाओं के अभाव में भी देश में साक्षरता दर बढाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, इसके बाद भी उनसे आयकर पर शिक्षा उपकर लिया जना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता है।
संघ के अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, सुनील राय, मुकेश धनगर, अभिषेक मिश्रा, राजकुमार सिंह, राजभान हल्दकार, देवदत्त शुक्ला, सोनल दुबे, मुकेश रजक, मनीष शुक्ला, मनीष लोहिया, शुभसंदेश सिंगौर, महेश कोरी, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिश्चिती, जयप्रकाश गुप्ता, शिवकुमार यादव, संदीप तिवारी, प्रशांत शुक्ला, सुरेन्द्र जैन, मुन्नालाल नामदेव, नितिन शर्मा, श्यामनारायण तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, विनय नामदेव, आदित्य दीक्षित, पवन ताम्रकार आदि ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि आयकर के साथ लगने वाले शिक्षा उपकर से शिक्षकों को मुक्त रखा जाये।