Monday, November 18, 2024
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मुख्यमंत्री डॉ. यादव की घोषणा: पाँच शहरों में खोले जाएंगे नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय

एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खजुराहो में योग संस्थान की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से निरंतर सम्पर्क स्थापित कर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नर्मदापुरम, बालाघाट, सागर, शुजालपुर और डिंडोरी में नए आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएंगे। आयुर्वेदिक महाविद्यालयों की स्थापना में निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कार्य योजना बनाई जाए। जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में प्राथमिकता से आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोले जाएं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में आयुष, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री इंदर सिंह परमार, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा तथा विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोविड के बाद आयुर्वेद का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। विभाग में पैरा मेडिकल के पाठ्यक्रम बढ़ाए जाएं। इसमें उपचार और रोजगार के अवसर अधिक हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान प्रारंभ करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

बैठक में बताया गया कि विभाग में 332 पैरामेडिकल संवर्ग में कर्मचारियों की नियुक्ति प्रदान की गई है। 14 यूनानी चिकित्सा अधिकारी एवं 36 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी के नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। लोक सेवा आयोग से चयनित 543 आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पदों की पूर्ति की कार्यवाही जारी है।

आयुष्मान आरोग्य मंदिर आयुष में 533 संविदा सीएएमओ की पदस्थापना की गई है। आयुष शिक्षा के अंतर्गत सत्र 2023-24 में आयुर्वेद के दो नवीन विषय (स्त्री रोग प्रसूति तंत्र-उज्जैन एवं भोपाल महाविद्यालय तथा पंचकर्म-उज्जैन महाविद्यालय) में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं।

प्रदेश के पंखुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, भोपाल के सुदृढ़ीकरण के लिए 1999.86 लाख के निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए। शासकीय स्वशासी यूनानी महाविद्यालय, भोपाल में 180 बिस्तरीय बालिका छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। पिछले वर्ष ओपीडी एवं आईपीडी में एक करोड़ 37 लाख रोगियों का इलाज, 2500 रोगियों की शल्य चिकित्सा की गई। योगा वैलनेस केंद्र में 9 हजार 600 सत्रों का आयोजन किया गया।

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