मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं एवं किसानों को बिजली का झटका देने की तैयारी कर ली है। मप्र विद्युत नियामक आयोग के समक्ष प्रस्तुत की अपनी याचिका में बिजली कंपनियों ने घरेलू बिजली में लगभग 10 प्रतिशत तो खेती-किसानी के लिए दी जाने वाली बिजली की दरों में साढ़े 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया है।
वहीं प्रदेश की बिजली कंपनियों के विद्युत मूल्य वृद्धि की याचिका पर आपत्ति दर्ज कराने के लिये आम जनता को नियामक आयोग के समक्ष 21 जनवरी तक दावे-आपत्तियां पेश करना होगा। मप्र विद्युत नियामक आयोग 8 फरवरी से 10 फरवरी के बीच प्र्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के मुख्यालयों में दावे-आपत्तियों पर जनसुनवाई आयोजित करेगा। उल्लेखनीय है कि बिजली कंपनियों ने घरेलू व खेती-किसानी वाली बिजली की दरों में 10 प्रतिशत के लगभग बढ़ोत्तरी की सिफारिश की है।
प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 48 हजार 874 करोड़ रुपए की जरूरत बताई है। तीनों कंपनियों ने इस दौरान 67 हजार 964 मिलियन यूनिट बिजली बेचने का अनुमान लगाया है। कंपनियों का दावा है कि वर्तमान कीमत पर बिजली बेचने पर उन्हें 44 हजार 957 करोड़ रुपए ही मिल पाएंगे। तीन हजार 915 करोड़ रुपए की भरपाई के लिए तीनों कंपनियों ने आसान उपाय निकाला है कि इसे उपभोक्ताओं की जेब से वसूला जाए। इसके लिए बिजली की औसत दरों में 8.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया है।