मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि 12 अक्टूबर को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर के प्रभारी संयुक्त संचालक राममोहन तिवारी अपने कार्यालय की चौकीदार अनीशा बाई से 21,000 रुपये रिश्वत की मांग कर रहे थे। चौकीदार महिला द्वारा जिसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर से की गई थी।
उक्त शिकायत पर लोकायुक्त जबलपुर दल द्वारा कार्यालय के दो लिपिकों सहित प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण राममोहन तिवारी को ट्रेप करते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा-7 एवं 13 (1) डी,13(2) के तहत् प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया और मौके पर ही जमानत पर छोड़ दिया गया।
कर्मचारी संघ ने कहा कि शिक्षा विभाग में इतने बड़े पद पर आसीन अधिकारी के भ्रष्टाचार के मामले में प्रकरण दर्ज होने के उपरांत वह यदि उसी कार्यालय में पदस्थ रहते हैं तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं तथा अपने अधीनस्थ चौकीदार को बयान बदलने का भी दबाब बनाया जा सकता है।
शासकीय कर्मचारी संघ ने भ्रष्ट प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण निलंबित करने मांग करते हुए प्रमुख सचिव मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग के नाम से जबलपुर में सुश्री सृष्टी प्रजापति डिप्टी कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर संघ के मंसूर बेग, एसके बांदिल, रजनीश तिवारी, बृजेश मिश्रा, पवन श्रीवास्तव, एसके त्रिपाठी, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, सुधीर पण्डया, चंदु जाउलकर, उमेश पारखी, विटू आहलूबालिया, शंकर भाई, अंकुर प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।