मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर द्वारा एक तुगलकी आदेश में कक्षा 10वीं एवं 12वीं परीक्षा के पर्यवेक्षण कार्य में लगे प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के शिक्षकों को पर्यवेक्षण कार्य उपरांत अपनी पदस्थ शाला में पहुंचकर शैक्षणिक कार्य कराने का बेतुका एवं तुगलकी फरमान जारी किया गया है।
पर्यवेक्षण कार्य में लगये शिक्षकों को परीक्षा प्रारंभ होने के एक घण्टा परीक्षा केन्द्र पहुंचना होता है तथा परीक्षा समाप्ति के उपरांत एक घण्टा रूककर परीक्षा का अन्य कार्य पूर्ण करते हैं, इस प्रकार परीक्षा की पांच घण्टों की कार्यवधि के उपरांत परीक्षा केन्द्रों से 10 से 20 किमी दूर शैक्षणिक कार्य कराने कब और कैसे पहुंचेंगे। मानवीय अधिकारों की दृष्टि से किसी कर्मचारी से 8 घण्टों से अधिक का कार्य लिया जाना वर्जित है। जिला शिक्षा अधिकारी के इस तुगलकी फरमान से शिक्षकों से लगभग 10 घण्टे कार्य करना होगा।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मिर्जा मंसूर बेंग, पंकज शर्मा, चंदु जाउलकर, आरके गुलाटी, बिट्टू आहलूवालिया, गोविन्द बिल्थरे, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, एसके बांदिल आदि ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी का तुगलकी फरमान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जावे।