जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने गुरूवार को गैस राहत संचालनालय के सभाकक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक ली। डॉ. शाह ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) की प्रगति की जानकारी ली। बताया गया कि पीएम जन-मन के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश पूरे देश में अव्वल स्थान पर है। पीएम जन-मन में मध्यप्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातीय बहुल 24 जिलों में चल रहें विभिन्न श्रेणी के विकास कार्य में तेज गति से कार्य किया जा रहा है। अब तक करीब 80 प्रतिशत मंजूर कार्य पूरे हो चुके है।
जनजातीय कार्य मंत्री ने पीएम जन-मन की प्रगति पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया के पढ़े-लिखे युवाओं को शासन के नियमानुसार शासकीय सेवाओं में सीधी भर्ती के लिये अभियान चलायें। इन जनजातियों की बहुलता वाले हर जिले में पांच-पांच गांव आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किये जायें। इन गांवों में हर जरूरी विकास कार्य करायें जायें। बच्चों को विशेष पोषण आहार एवं देखभाल के लिये इन गांवों में मॉडल आंगनवाड़ियाँ भी तैयार की जायें।
जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि पीएम जन मन के तहत मंजूर सभी प्रकार के विकास, कौशल उन्नयन एवं अधोसंरचात्मक निर्माण कार्य 31 अक्टूबर तक पूरे करने का प्रयास करें। इस योजना में सरकार ‘गांव-गांव तक सड़क’ बनाकर ‘सबको पक्का घर’ एवं ‘हर-घर बिजली’ पहुँचाने के लिये प्रयास कर रही है। पीएम जन-मन के तहत प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति की 11 लाख 42 हजार 719 आबादी के समग्र विकास के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर प्रयास कर रही है। इनके गांवों में हितग्राहीमूलक एवं सामुदायिक विकास कार्य कराये जा रहे हैं। योजना की प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा रेगुलर मॉनिटरिंग की जा रही है। इन जनजातियों के स्वास्थ्य उपचार एवं जांच के लिये प्रदेश में 66 मोबाईल हेल्थ वेन शीघ्र ही कार्यशील हो जायेंगी।
बैठक में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग डॉ. ई. रमेश कुमार, उप सचिव श्रीमती मीनाक्षी सिंह, जनजातीय क्षेत्र विकास योजना (टीएडीपी) की डायरेक्टर श्रीमती रीता सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि पीएम जनमन के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के विकास के लिये 24 जिलों एवं प्रदेश के 89 आदिवासी विकासखण्ड के एक-एक गांव में नवाचारी प्रयास किये जायें। इसके तहत यहां चुने गये एक-एक गांव में ऐसी चौपालें विकसित की जायें, जहां राज्य एवं केन्द्र सरकार की सभी योजनाओं का प्रदर्शन हो। चौपालों में एलईडी टीवी, बैठक व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरा और सौर ऊर्जा से संचालित पेड़(सोलर ट्री) स्थापित किया जायें। सौर ऊर्जा पेड़ देखकर ग्रामीण सौर ऊर्जा के अधिकाधिक उपयोग के लिये जागरूक एवं प्रेरित होंगे। साथ ही इन गांवों में सौर ऊर्जा से चलित वाटर एटीएम लगाने के प्रयास भी किये जायें।
मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि आदिवासी विकासखण्डों में सीएम राईज स्कूलों की स्थापना के दूसरे चरण में छात्रावास सुविधा की अनुमति भी ली जाये। इससे विद्यार्थियों को एक ही परिसर में रहने खाने और पढ़ाई की सुविधा मिल सकेगी।
परियोजना सलाहकार मंडलों का जल्द से जल्द करें गठन
बैठक में जनजातीय कार्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द सभी परियोजना सलाहकार मंडलों का गठन कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य विभाग की हर सप्ताह समीक्षा की जायेगी। संभागीय समीक्षा बैठकें भी होंगी। हर माह तीन से चार दिन जिलों के प्रवास पर रहकर जनजातीय कार्य विभाग की योजनाओं एवं अन्य गतिविधियों की वे स्वयं समीक्षा करेंगे।
गैस पीड़ित परिवारों के एक हजार युवाओं को देंगे रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण
जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने भोपाल गैस राहत त्रासदी व पुनर्वास विभाग के कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि गैस पीड़ित परिवारों के एक हजार युवाओं को जनजातीय कार्य विभाग के अधीन प्रशिक्षण संस्था मध्यप्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद (मैपसेट) के माध्यम से रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। प्रशिक्षण के लिये जरूरी राशि गैस राहत विभाग वहन करेगा। उन्होंने कहा कि गैस पीड़ित परिवार के युवाओं को कम्प्यूटर कोर्सेस के अलावा पैरा मेडिकल कोर्सेस भी कराये जायेंगे। गैस पीड़ितों के बेहतर पुनर्वास के लिये विभाग द्वारा अब बड़े कदम उठायें जायेंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग डॉ. ई. रमेश कुमार, प्रमुख लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास संदीप यादव, आईजी भोपाल हरिनारायण चारी मिश्रा, कमिश्नर भोपाल संजीव सिंह, संचालक भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास एवं कल्याण स्वतंत्र कुमार सिंह सहित गैस राहत के अन्य सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री डॉ. शाह ने गैस राहत संचालनालय के समीप नाला निर्माण कराने और परिसर की समुचित सफाई कराने के निर्देश दिये। उन्होंने जिला प्रशासन भोपाल के अधिकारियों को भोपाल शहर में मौजूद गैस राहत विभाग के स्वामित्व वाली भूमि व परिसरों (शेड) पर अतिक्रमण हटाकर कब्जा पुन: भोपाल गैस राहत विभाग को दिलाने के लिए निर्देशित किया।