मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ शिक्षक अध्यापक प्रकोष्ठ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्यप्रदेश सरकार के आदेश के द्वारा 1 जुलाई 2018 से राज्य शिक्षा सेवा भर्ती नियम के तहत 1098 से कार्यतर शिक्षाकर्मी, संविदा शाला शिक्षक एवं अध्यापक संवर्ग के लोक सेवकों का संविलियन शिक्षा विभाग में करते हुए प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक का नया पदनाम देते हुए अन्य नियमित शिक्षकों के समान सुविधायें दिये जाने के स्पष्ट आदेश हैं।
समान सेवा व कार्य होने के बाद भी नियमित शिक्षक व अन्य लोक सेवकों को वेतन के साथ वाहन भत्ते की सुविधा प्रदान की जा रही है, जबकि अध्यापक संवर्ग एवं इस संवर्ग से संविलियन हुए प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नगर वाहन भत्ते की सुविधा से वंचित रखा गया है। शासन की इस दोहरी नीति व मापदण्ड के कारण इस संवर्ग के लोक सेवकों को प्रति माह न्यूनतम 200 रुपए आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिससे वे अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
संघ के मुकेश सिंह, योगेन्द्र मिश्रा, अजय सिंह ठाकुर, मनीष चौबे, नितिन अगवाल, श्यामनारायण तिवारी, प्रणव साहू राकेश दुबे, मनोज सेन, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, मनीष लोहिया, राकेश पाण्डेय, मनीष शुक्ला, शुभ संदेश सिंगौर, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी, सुदेश पाण्डेय, विनय नामदेव, देवदत्त शुक्ला, सोनल दुबे, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिस्ती, पवन ताम्रकार, संजय श्रीवास्तव, आदित्य दीक्षित, संतोष कावेरिया, जय प्रकाश गुप्ता, आनंद रैकवार, अभिषेक मिश्रा, संतोष तिवारी आदि ने प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा व आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल को ईमेल भेजकर शिक्षा विभाग के अन्य लोक सेवकों के समान ही इस संवर्ग में नियुक्त अध्यापक , प्राथमक, माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों को भी नगर, वाहन भत्ते की सुविधा 1 जुलाई 2018 से शीघ्र प्रदान की जाने हेतु माँग की है, ताकि प्रति माह हो रहे आर्थिक नुकसान की पूर्ति हो सके।