मध्य प्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन एक मान्यता प्राप्त संगठन है, जिसकी कार्यकारिणी के चुनाव दिनांक 27 मार्च 2008 को संपन्न हुए थे। तदनुसार पंजीयक द्वारा पदाधिकारियों की सूची पंजीबद्ध की गई की गई थी।
वहीं 11 फरवरी 2011 को तत्कालीन महामंत्री स्वर्गीय डीपी पाठक का आकस्मिक निधन हो जाने का फायदा लेने के उद्देश्य संघ के कुछ पदाधिकारियों वीरेंद्र दीक्षित एवं बीडी गौतम द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर दिनांक 5 जून 2011 को चुनाव कराकर संघ के पदाधिकारियों को सूचित किया एवं पंजीयक पर दबाव बनाकर उपरोक्त उपरोक्त फर्जी कार्यकारिणी को 4 अगस्त 2011को रजिस्टर्ड करा लिया गया।
जिसे संघ के अन्य पदाधिकारियों एमजी सक्सेना, सुनील कुरेले द्वारा औद्योगिक न्यायालय जबलपुर के समक्ष चुनौती दी दी गई। एमजी सक्सेना एवं सुनील कुरेले द्वारा दिए गए तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर औद्योगिक न्यायालय द्वारा 19 जनवरी 2022 को आदेश पारित कर वीरेंद्र दीक्षित एवं बीडी गौतम द्वारा कराए गए फेडरेशन के चुनाव अवैध घोषित किए गए एवं 4 अगस्त 2011 को पंजीबद्ध पदाधिकारियों की सूची को अवैध घोषित किया गया है।