बिजली विभाग की ठेका कंपनी ने नहीं दी इलाज के लिए सहायता राशि, आउटसोर्स कर्मी की मौत

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली कंपनी में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों से नियम विरुद्ध करंट का कार्य कराकर उन्हें मौत के मुंह में धकेला जा रहा है। वहीं ठेका कंपनियां समय पर सहायता राशि स्वीकृत नहीं करती, जिससे उचित इलाज के अभाव में भी कर्मियों की असमय मृत्यु हो रही है।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 5 मार्च 2022 को ट्रांसमिशन कंपनी के 132 केवी सब-स्टेशन विनोबा भावे कांच घर जबलपुर में दो आउटसोर्स कर्मियों से सब-स्टेशन में जूनियर इंजीनियर के द्वारा सप्लाई बंद कर सिल्वर पेंट कराया जा रहा था।

पेंट करने के दौरान दोनों आउटसोर्स कर्मी करंट की चपेट में आ गए। दोनों कर्मी करंट लगने की वजह से लगभग 20 फीट की ऊंचाई से जमीन पर गिर गए। जिसमे से एक आउटसोर्स कर्मी प्रकाश पासी की मृत्यु उसी दिन हो गई थी, जबकि दूसरा आउटसोर्स कर्मी राजकुमार को निजी हॉस्पिटल के बर्न वार्ड के आईसीयू में भर्ती कर दिया गया था।

ठेका कंपनी के द्वारा कर्मी के इलाज के लिए राशि नहीं देने पर कर्मी के ससुर जवाहरलाल बरमे के द्वारा अपने दामाद राजकुमार के इलाज में लगभग ढाई लाख रुपया खर्च कर दिया गया। इसके बाद 19 मार्च 2022 को महाकौशल हॉस्पिटल से छुट्टी करा कर, कर्मी को मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया था। 24 मार्च 2022 को मेडिकल हॉस्पिटल से राजकुमार की छुट्टी करा कर बिलहरी अपने घर उसके पिता ले गए थे। 31 मई 2022 को अत्यधिक स्वास्थ्य खराब होने पर सरकारी हॉस्पिटल में ले गए, वहां पर उसकी मृत्यु हो गई।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि राजकुमार की शादी 28 जून 2020 को कुमारी ज्योति से निवास मंडला में हुई थी। ठेकेदार नितिन नेमा के द्वारा सिल्वर पेंट का कार्य कराने का आउटसोर्स लिया गया था। ठेकेदार के द्वारा आज तक राजकुमार के इलाज में उनके ससुर के द्वारा पैसा लगाया गया थानहीं दिया गया।

संघ के हरेंद्र श्रीवास्तव, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, जेके कोस्टा, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, शशि उपाध्याय, मदन पटेल, राजेश पटेल, दशरथ शर्मा, आजाद सकवार, टी डेविड, लखन सिंह राजपूत आदि ने ट्रांसमिशन कंपनी एवं ठेकेदार से इलाज में खर्च हुई राशि देने की मांग की है।