केन्द्र सरकार विद्युत क्षेत्र में वितरण कंपनियों के घाटे एवं उपभोक्ताओं को सुविधाओं के नाम पर औद्योंगिक घरानों को फायदा पहुँचाने के लिये संपूर्ण विद्युत क्षेत्र का निजीकरण के लिये बजट भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषणा की गयी है।
केन्द्र सरकार विद्युत क्षेत्र के विशेषज्ञों से बात न करके एवं चर्चा के लिये विद्युत क्षेत्र के संगठनों को समय न देकर एक तरफा निर्णय लेकर विद्युत सुधार अधिनियम 2021 एवं वितरण कंपनियों के लिये निजीकरण हेतु एसबीडी लाकर निजीकरण करने जा रही है, जिससे आम उपभोक्ता, किसानों एवं विद्युत क्षेत्र में कार्यरत सभी प्रकार के कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय होगा।
इन सब मुद्दों को लेकर नेशनल कॉडिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसीटी एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स द्वारा पूरे देश में 3 फरवरी को एक दिवसीय पूर्ण कार्य वहिष्कार का आव्हान किया है, जिसके अंतर्गत मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर के बैनर तले संपूर्ण मध्य प्रदेश में भी कार्य वहिष्कार किया जायेगा । यूनाइटेड फोरम के संयोजक इं. व्ही.के.एस. परिहार ने बताया कि एनसीसीओईईई की मुख्य मांगे निम्नानुसार है–
1. प्रस्तावित विद्युत सुधार बिल 2021 एवं एसबीडी को तुरन्त वापस लिया जाये।
2. प्रदेश एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में वितरण कंपनियों के निजीकरण को वापस लिया जाकर देश में प्राइवेट लाइसेंसी एवं फ्रेंचाइजी समाप्त की जाये।
3. पूरे देश में उत्पादन, पारेषण एवं वितरण कंपनियों का केरल एवं हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड की तरह एकीकरण किया जाये।
4. नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाये एवं अनिवार्य सेवानिवृत को विद्युत क्षेत्र में समाप्त किया जाये।
5 संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के साथ-साथ आउटसोर्स कर्मियों को तेलगांना शासन की तर्ज पर संविलियन किया जाये।
6. अधोसंरचना अनुसार नये पद सृजन कर उन्हें केवल नियमित कर्मचारियों से भरा जाये।
7. प्रस्तावित विद्युत सुधार बिल 2020 एवं एस.बी.डी.. को तुरन्त वापस लिया जाये।
8. प्रदेश एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में वितरण कंपनियों के निजीकरण को वापस लिया जाकर देश में प्राइवेट लाइसेंसी एवं फ्रेंचाइजी समाप्त की जाये।
9. पूरे देश में उत्पादन, पारेषण एवं वितरण कंपनियों का केरल एवं हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड की तरह एकीकरण किया जाये।
10. नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाये एवं अनिवार्य सेवानिवृत को विद्युत क्षेत्र में समाप्त किया जाये।
11. संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के साथ-साथ आउटसोर्स कर्मियों को तेलगांना शासन की तर्ज पर संविलियन किया जाये।
12. अधोसंरचना अनुसार नये पद सृजन कर उन्हें केवल नियमित कर्मचारियों से भरा जाये।
एक दिवसीय कार्य बहिष्कार का स्वरूप इस तरह रहेगा। 3 फरवरी को पावर हाऊस एवं विद्युत उपकेन्द्रों की शिफ्ट ड्यूटी को कार्य बहिष्कार से छूट रहेगी। आपातकालीन सेवाऐं जैसे– अस्पताल, वाटर सप्लाई, कोर्ट आदि को छोड़कर किसी भी विद्युत व्यवधान में सुधार कार्य नहीं किया जायेगा। प्रतिदिन की तरह आवश्यक उपस्थिति दर्ज कराकर किसी भी प्रकार कार्य नहीं किये जायेगे। साथ ही सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने-अपने शहर के प्रमुख कार्यालय में शांतिपूर्ण ढंग से एकत्रित रहेगें एवं कार्य बहिष्कार को सफल बनायेगें।