मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवंबर को प्रदेश 35 हजार आक्रोशित बिजली आउटसोर्स कर्मियों ने शहीद दिवस के रूप में मनाया। यह अभियान 1 से 7 नवंबर तक मप्र बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रान्तीय संयोजक मनोज भार्गव के नेतृत्व में पूरे प्रदेश भर में चलाया जायेगा और वर्ष 2005 से लेकर अब तक विद्युत दुर्घटनाओं में मारे गये व अपाहिज हो चुके आउटसोर्स कर्मियों के मुआवजे को लेकर कलेक्टरों व स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन दिये जायेगें।
आज भोपाल बिजली गेट पर अशोक रायकवार और रोशनी घर ग्वालियर में जिला प्रमुख अमित जौहरी व प्रान्तीय संयोजक मनोज भार्गव के नेतृत्व में बिजली दुर्घटनाओं में मृतकों के उत्सर्ग व बलिदान के चित्रों को चित्रित कर श्रद्धांजलि देकर प्रदर्शन किया। इस अवसर पर मनोज भार्गव ने कहा कि एक ओर आउटसोर्सिंग ठेकेदारों को सिर पर बिठाया जा रहा है और ठेकेदारों द्वारा अनुचित रूप से आउटसोर्स को पोल पर चढ़ाकर जिन्दा जलाया जा रहा है, इसलिये सरकार जश्न व उल्लास के बजाय ज्यादा ध्यान बिजली आउटसोर्स को मौत से बचाने पर लगाना चाहिये।
मनोज भार्गव ने कहा कि उन्हें सभी जोन एवं सब स्टेशनों व संयंत्रों में सभी प्रकार के विद्युत सुरक्षा उपकरण मुहैया कराना चाहिये और केन्द्र की कौशल विकास योजना में इन आउटसोर्स कर्मचारियों को शामिल कर उन्हें तीन माह का तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये, ताकि बिजली कम्पनियों को मौत की फैक्टरी बनने से बचाया जा सके। यदि सरकार स्थापना दिवस मनाना ही चाहती है तो उसे सरकारी तंत्र के अंतिम पंक्ति में बैठे हुये प्रदेश के ढाई लाख आउटसोर्स कर्मचारियों को केन्द्र के आउटसोर्स कर्मचारियों के समान न्यूनतम वेतन रिवाइज करने का तोहफा उन्हें देना चाहिये।