मध्य प्रदेश ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विद्युत वितरण कम्पनियों के एमडी को निर्देशित किया है कि विद्युत प्रदाय एवं बिल संबंधी शिकायतों के दृष्टिगत जरूरी सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें। लाइनों में स्थापित हो रहे इन्सुलेटर की गुणवत्ता में सुधार के लिए सैंपल जाँच की संख्या में वृद्धि करें। जाँच में सैंपल खराब पाये जाने पर पूरे लॉट को रिजेक्ट किया जाए। लगातार खराब सैंपल पर संबंधित फर्म पर कार्यवाही की जाए। साथ ही इन्सुलेटर की रेटिंग में भी वृद्धि की जाए, जिससे उनके फेल्योर संख्या में कमी हो सके।
श्री तोमर ने कहा है कि उप केन्द्र, लाइनों और ट्रांसफार्मर्स के संधारण कार्यों को पूर्ण कर जिलेवार ट्रिपिंग का तुलनात्मक विवरण तैयार करें। वितरण क्षेत्र में चल रहे कार्य एवं प्राप्त हो रही सामग्री की जाँच सुनिश्चित करें। मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों द्वारा भी सैंपल जाँच की जाए एवं उसका रिकॉर्ड व्यवस्थित रूप से संधारित किया जाए। इससे भविष्य में कमी पाए जाने पर उत्तरदायित्व निर्धारण किया जा सकेगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नवीन एवं रिपेयर्ड वितरण ट्रांसफार्मर की शत-प्रतिशत जाँच सुनिश्चित करें। जिन फर्मों के ट्रांसफार्मर की फेल्योर दर अत्याधिक है, उनके विरुद्ध कार्यवाही करने के साथ ही विभागीय अधिकारियों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। वितरण ट्रांसफार्मर का संधारण कार्य सुनिश्चित कर बॉक्स में सही क्षमता के फ्यूज एवं अर्थिंग व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। इसमें लापरवाही बरतने पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही करें।
ओवर लोडेड ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि करें
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विद्युत आपूर्ति को बनाये रखने के लिए ओवरलोडेड वितरण ट्रांसफार्मर्स की क्षमता वृद्धि की जाए। अगर कोई वितरण ट्रांसफार्मर हानि अधिक होने के कारण ओवरलोडेड हैं, तो उन हानियों को कम करने के प्रयास किए जाएं। किन्तु इस आधार पर ओवरलोडेड ट्रांसफार्मर को बदलने की कार्यवाही नहीं रोकी जाए। उन्होंने इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कर प्रत्येक माह की 5 तारीख तक जिलेवार तुलनात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसी प्रतिवेदन के आधार पर मासिक समीक्षा की जाएगी।