मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि विद्युत तंत्र को चलायमान रखने वाले नियमित कर्मचारी, संविदा कर्मचारी एवं ठेका श्रमिक हैं और इनकी सबसे बड़ी भूमिका होती है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व के साथ ही देश एवं मध्य प्रदेश को भी अपनी चपेट में ले लिया है। लगातार हर दिन कोरोना से संक्रमित एवं मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश शासन के द्वारा इसे गंभीरता से लेते हुए कार्यालय 50 प्रतिशत स्टाफ में कमी लाने के लिए मध्य प्रदेश के सभी विभागों को निर्देश किए गए हैं।
जिसके बाद विद्युत कंपनियों के जमीनी अधिकारी एवं बाबुओं ने अपने आप को घर में सुरक्षित कर लिया है। लेकिन तकनीकी कर्मचारियों को राजस्व वसूली से अलग करके मेंटेनेंस एवं उपभोक्ताओं की बंद बिजली को चालू करने में लगा दिया गया है। वहीं संविदा एवं ठेका श्रमिक जिनकी उम्र 22 वर्ष से 44 वर्ष के बीच है, यह सभी लोग विद्युत व्यवस्था में लगे हुए हैं।
हरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि जमीनी अधिकारियों के द्वारा संविदा एवं ठेका कर्मियों की चौबीसों घंटे की ड्यूटी लगा दी गई है। लेकिन इन्हें ना सैनिटाइजर दिया गया है और ना मास्क दिया गया है और ना ही कोरोना वैक्सीन लगाने को कहा गया है।
संघ के रमेश रजक, के एन लोखंडे, एसके शाक्य, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, अरुण मालवीय, इंद्रपाल, संजय वर्मा, शशि उपाध्याय, महेश पटेल, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, अमीन अंसारी आदि के द्वारा पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की गई है कि संविदा कर्मचारी एवं ठेका श्रमिकों को भी कोरोना की वैक्सीन लगाने की कार्यवाही की जावे एवं सभी कर्मचारियों को मास्क व सैनिटाइजर दिया जाए। इसके साथ ही सैनिटाइजर का छिड़काव कार्यालय एवं शिकायत केंद्रों में किया जाये।