बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईई) के आह्वान पर देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर द्वारा 10 अगस्त को एक दिवसीय संपूर्ण कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।
जबलपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में नीलाभ श्रीवास्तव ने बताया कि नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बिजली क़ानून में व्यापक बदलाव वाले इस बिल को जल्दबाजी में पारित करने के बजाये इसे संसद की बिजली मामलों की स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए और कमेटी के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।
इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में उत्पादन का लाइसेन्स समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप देश की जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ रही है। अब इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमें) बिल 2021 के जरिये बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है, जिससे बिजली वितरण के सम्पूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
इस बिल में प्रावधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कम्पनियाँ बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण हेतु यह निजी कम्पनियाँ सरकारी वितरण कंम्पनी का इंफ्रास्ट्रक्चर और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी। निजी कम्पनियाँ केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी जिससे सरकारी बिजली कंपनी की वित्तीय हालत और खराब हो जाएगी। इस प्रकार नए बिल के जरिये सरकार बिजली वितरण का सम्पूर्ण निजीकरण करने जा रही है जो किसानों और गरीब घरेलू उपभोक्ताओं के हित में नहीं है।
मप्र स्तर की अन्य मांगों में ट्रांसमिशन कंपनी में लाई जा रही टीबीसीबी को रद्द करने, संविदा कर्मियों को नियमित करने, आऊटसोर्स कर्मियों का संविलियन करने, सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना में शामिल करने, बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति, पेंशन की व्यवस्था, सभी वर्गो की पदोन्नतियां, सभी प्रकार के वेतन विसंगतियां दूर करने, सेवानिवृत उपरांत सभी प्रकार की राशि का समय से भुगतान करने, 28% डीए प्रदान करने, पदोन्नति में लगी रोक हटाकर पदोन्नति करते हुये रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने, ग्रह जिले में पदस्थापना करने, सभी वर्गों को 50% विद्युत छूट देने, अधोसंरचना अनुसार संगठनात्मक संरचना निर्धारित करने, सभी कंपनियों में आदेशों में एकरूपता लाने एवं अन्य मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री को 20 जुलाई को मांग पत्र सौंपा जा चुका था, जिसमें मांगों पर विचार न होने की स्थिति में चरण बद्ध आंदोलन की रूपरेखा भी दी गई थी।
लेकिन शासन व प्रशासन द्वारा उक्त मांगों को संज्ञान में न लेने के कारण 10 अगस्त को संपूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें सभी अधिकारी व कर्मचारी 9 अगस्त के रात्रि 12 बजे से अपने मोबाइल बन्द रखेगें एवं 10 अगस्त को कार्यालय में उपस्थित नहीं होगें। इस कार्य बहिष्कार प्रदर्शन को उपकेन्द्र एवं शिफ्ट ड्यूटी के कार्यों को अलग रखा गया है। विद्युत अधिकारियों का कहना है कि इस एक दिवसीय पूर्ण कार्य बहिष्कार से उपभोक्ताओं को यदि किसी भी प्रकार की विद्युत व्यवधान से परेशानी होती है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की ही होगी। प्रेसवार्ता में संजय भागवतकार, एसके पचौरी, हिमांशु अग्रवाल, के. पराशर, अजय नामदेव आदि उपस्थित रहे।