मध्य प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों के अधिकारी एवं कर्मचारी मंगलवार को कोई काम नहीं करेंगे, जिससे प्रदेश के सवा करोड़ से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
केंद्र सरकार के द्वारा लाये जा रहे इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल के विरोध में नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी एम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर यूनाइटेड फोरम के तत्वावधान में एमपी के सभी विद्युत अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।
यूनाइटेड फोरम की मांग है कि विद्युत कंपनियों का निजीकरण न किया जाये। ट्रांसमिशन कंपनी में लाई जा रही टीबीसीबी को रद्द किया जाये। संविदा अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नियमित किया जाये। आउटसोर्स कर्मियों का संविलयन किया जाये। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना में शामिल किया जाये।