मध्यप्रदेश में कोरोनाकाल से पिछले करीब दो साल से पेंशनर्स बेहद परेशान हो रहे हैं। मध्यप्रदेश विद्युत कर्मचारी संघ (इंटक) फेडरेशन इंदौर के क्षेत्रीय प्रचार सचिव एवं एमपीईबी पेंशनर्स संघ एमपी के मदन वर्मा ने प्रदेश में शासकीय व विद्युत पेंशनर्स की महंगाई राहत केन्द्र के समान दिये जाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस होने पर भी कर्मचारी वर्ग खासकर पेंशनर्स बेहद परेशान हैं। यह किसी भी सरकार और संगठन के लिए अत्यंत शर्म की बात है कि उसके वरिष्ठ सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपनी न्यायोचित मांगों व हक के लिए आंदोलनों, धरना-प्रदर्शन का कदम उठाने के लिए विवश होना पडे़ं। सरकार को इनके हित कल्याण के लिए आवश्यक कदम शीघ्रता से उठाने चाहिए एवं संगठनों के नेताओं से सकारात्मक बातचीत कर, मांगों व मसलों का निपटारा करना चाहिए।
बिजली कंपनियों ने विद्युत पेंशनरों की हालत तो बेहद खराब कर रखी है। उन्हें महंगाई राहत मात्र 22 प्रतिशत मिल रही है, जबकि प्रदेश के शासकीय पेंशनकर्मियों को यह सितंबर माह की पेंशन के साथ बढ़ी हुई 28 प्रतिशत महंगाई राहत मिल चुकी हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विद्युत पेंशनरों की महंगाई राहत प्रस्ताव को ऊर्जा सचिव की स्वीकृति नहीं मिल पायी है, ऐसा सुनने में आया। ऐसा क्यों हुआ, कोई कारण सामने नहीं आया, शासन के मुखिया को इसकी गंभीरता पर ध्यान देते हुए, शासन के आदेश की अवहेलना पर कड़ी कार्रवाई कर विद्युत पेंशनरों की महंगाई राहत शीघ्र दिलाना चाहिए।