मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियों के 25 हजार नियमित, 45 हजार आउटसोर्स और 7 हजार संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन कामबंद हड़ताल पर हैं, जिसके चलते राजधानी भोपन सहित पूरे प्रदेश की बिजली सप्लाई व्यवस्था ठप हो सकती है।
वहीं बताया जा रहा है कि यूनाइटेड फोरम के आंदोलन में शामिल होने के बाद आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों के साथ नियमित कर्मचारी भी आंदोलन में कूद पड़े हैं। जिसके बाद विद्युत तंत्र बुरी तरह लड़खड़ा सकता है और पूरे प्रदेश में ब्लैक आउट हो सकता है।
बताया जा रहा है कि आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के बाद से नियमित कर्मचारी बिजली सप्लाई व्यवस्था संभाल रहे थे, लेकिन अब पूरे प्रदेश की बिजली सप्लाई व्यवस्था ठप होने की संभावना बढ़ गई है। गौरतलब है कि 21 जनवरी से आउटसोर्स और संविदा कर्मचारी संयुक्त संगठनों के आह्वान पर हड़ताल पर हैं और वे मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग पर अड़े हुए हैं।