मध्य प्रदेश में बिजली कटौती और पानी के मुद्दे को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इन्हीं मुद्दों को लेकर जबलपुर जिले के किसानों ने आज कलेक्ट्रेट में धरना, प्रदर्शन एवं नारों के उदघोष के साथ ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि किसानों की फसलें अवर्षा के कारण सूख रहीं हैं और बरबाद होने की कगार में खड़ी है, ऐसे मे घोषित 10 घंटों मे से भी 3 घंटे की विद्युत कटौती के शासन के आदेश से किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
घरेलू विद्युत आपूर्ति में भी कटौती से ग्रामीणों का रात काटना दूभर हो रहा है, बूढ़े, बच्चे, बीमार त्रासदी झेलने मजबूर हैं, किसानों के साथ भेदभाव बर्दास्त के बाहर होता जा रहा है। किसानों ने बिजली की कटौती के आदेश तुरंत वापस लिए जाने तथा उन्हें 12 घंटे कृषि तथा 24 घंटे घर के लिए अविरल विद्युत प्रदाय सुनिश्चित किये जाने की मांग की है।
किसानों ने कहा है की जिले की जर्जर नहरों की स्थिति के चलते किसान सिंचाई के लिए नहरों के पानी का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी स्थिति मे अंतिम छोर के गावों के किसानों को तो सिंचाई के लिए पानी मिलना असंभव है, उन्हें कभी पानी नसीब ही नहीं हो सकता। अतः किसानों ने एक स्वर में मांग की, कि नहरों में पानी का प्रवाह अंतिम छोर तक तुरंत सुनिश्चित किया जाए।
उसके अलावा विगत दो माह से मूंग के भुगतान के लिए किसान दर-दर भटक रहे हैं, उनका कोई सुनने वाला नहीं है, मांग की गई है की उनका भुगतान शीघ्र किया जाए। कलेक्टर की अनुपस्थिति में तहसीलदार जयसिंह धुर्वे को किसानों ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा की उनकी भावनाओं से कलेक्टर एवं शासन को अवगत कराया जाये, साथ ही चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह में किसानों की मांगों पर विचार नहीं किया गया तो अगले मंगलवार को अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन के लिए किसान सड़कों पर उतरने मजबूर होंगे।
इस अवसर पर भारत कृषक समाज से केके अग्रवाल, रूपेंद्र पटेल, ब्रजेश अरजरिया, रामकिशन पटेल, सीएल शर्मा, रामेश्वर अवस्थी, अनिल अग्रवाल, प्रदीप पटेल, किसान सेवा सेना से डॉ बीडी अरजरिया, जितेंद्र देसी, मुकेश सिंह, जितेंद्र पटेल (निगरी), सुरेश कुर्मी, मुन्नालाल पटेल, इंद्र कुमार पटेल, मनोज पटेल, राजेश कुर्मी, मदन साहू, प्रवीण सोनी आदि किसान प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या मे जिले के विभिन्न क्षेत्रों से किसान उपस्थित थे।