मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, नगरीय निकाय, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, शिक्षा विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, आबकारी विभाग, महिला एवं बाल विकास एवं विभिन्न विभागों के कोरोना योद्धा कोविड-19 महामारी के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की सेवायें ली जा रही हैं।
कर्मचारी कोरोना कंटोल रूम, कोविड हेल्प डेस्क, कोविड केयर सेंटर, रेल्वे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टेंड आदि स्थलों में अपनी सेवायें दे रहे हैं। इस दौरान कर्मचारियों को भी संक्रमण हो रहा है और वह कोरोना के शिकार हो रहे हैं।
शासकीय चिकित्सालयों में कोरोना मरीजों की अधिकता होने से गंभीर परिस्थतियों में उन्हें तत्काल में निजी चिकित्सालयों में भर्ती होना पडता है, जहां अस्पताल में दाखित होते ही एक मुश्त लम्बी रकम लाखों जमा करा ली जाती है, तब जा के कहीं उपचार प्रारंभ हो पाता है।
यदि कोरोना फ्रंटलाईन वर्कर एवं उनके परिवार के लिए शासकीय चिकित्सालयों में पहले से ही उपचार के लिए संसाधन आरक्षित कर दिये जाएं, तो उन्हें निजी चिकित्सालयों में उपचार के लिए बाध्य नहीं होना पडेगा। कर्मचारियों के लगातार कोरोना अभियान में कार्य करने से उनके परिजनों को भी संक्रमण हो रहा है, इलाज के अभाव में ज्यादातर कर्मचारी मानसिक तनाव में हैं।
संघ के आलोक अग्निहोत्री, बृजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डे, परशुराम तिवारी, मुन्नालाल पटैल, मनोज सिंह, वीरेन्द्र सिंह चंदेल, एस.पी. बाथरे, मुकेश मिश्रा, तुपेन्द्र सिंह, राजेश चतुर्वेदी, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, दिलराज झारिया, आशीष जायसवाल, सतीश देशमुख, निशांत तिवारी, सी.एन. शुक्ला, पंकज जायसवाल, योगेश कपूर, राकेश पटैल, उमेश मुदगल, जी.पी. शुक्ला, शेर सिंह, अभिषेक वर्मा, रामकृष्ण तिवारी, अमित गौतम, सुधीर गौतम, ऋराज गुप्ता, वीरेन्द्र पटैल, गणेश सेन, चूरामन गुर्जर आदि ने मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव को ई-मेल भेजकर कर मांग की है कि कोरोना फ्रंटलाईन कर्मचारियों को ईलाज में उचित सुविधा प्रदान कराई जाये।