मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेन्द्र श्रीवास्तव ने प्रदेश के तात्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 2000 से 2012 के बीच नौकरी के दौरान मृत हुए बिजली कर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग की थी।
हरेन्द्र श्रीवास्तव के पत्र पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने ऊर्जा विभाग से कार्यवाही कर जानकारी मांगी थी, जिस पर ऊर्जा विभाग ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी से जवाब मांगा था। ऊर्जा विभाग के पत्र पर मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ने अपने जवाब में लिखा कि ऐसे कार्मिक, जिनकी मृत्यु 15.11.2000 के पश्चात किन्तु 10.04.2012 के पूर्व म.प्र.रा.वि. मण्डल/कंपनी का कार्य करते समय आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावरों द्वारा हत्या अथवा कार्य करते समय वाहन दुर्घटना, के कारण हुई हो तो आश्रित परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति नीति की कंडिका 02 एवं 03 में वर्णित पात्रता की शर्तों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकेगी।
किन्तु इस में सामान्य मृत्यु एवं बीमारी से मृत्यु हुए प्रकरणों को छोड़ दिया गया है। अतः उक्त अवधि में सामान्य मृत्यु एवं बीमारी से मृत्यु हुए प्रकरणों में भी बिना शर्त के अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने के संबंध में प्रकरण सहपत्रों सहित नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कर संबंधितों एवं विभाग को कृत कार्यवाही से अवगत कराये जाने का अनुरोध किया गया है।
तत्संबंध में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी भोपाल से संबन्धित जानकारी के अनुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में वर्तमान में प्रचलित अनुकंपा नियुक्ति नीति-2018 में प्रावधानानुसार 15.11.2000 से 10.04.2012 के मध्य केवल दुर्घटना मृत्यु के प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। 10.04.2012 के उपरांत सेवाकाल के दौरान कंपनी कार्मिकों के सभी प्रकार के मृत्यु प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है।
साथ ही अवगत कराया जाता है कि 15.11.2000 से 10.04.2012 के बीच सेवा के दौरान मृत कर्मचारियों के आश्रितों को शामिल करने के लिए अनुकंपा नियुक्ति नीति में संशोधन ऊर्जा विभाग का मामला है एवं कंपनी स्तर पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।