मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों के नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर किए जा रहे अनिश्चितकालीन कामबंद आंदोलन के आज तीसरे दिन भी संयुक्त संगठनों के तत्वावधान में हड़ताल जारी रही। इस दौरान पूरे प्रदेश के लगभग सभी बिजली कार्यालयों में अधिकारी एवं कर्मचारी नहीं पहुंचे, जिसके चलते उपभोक्ता सेवा बुरी तरह प्रभावित रही। इसके अलावा राजस्व वसूली, मेंटेनेंस, नये विद्युत कनेक्शन सहित अनेक कार्य पूरी तरह से ठप रहे।
बताया जा रहा है कि अगर बिजली कर्मियों की हड़ताल आगे भी जारी रहती है तो पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था ठप हो सकती है। वहीं फिलहाल कर्मचारियों की भारी कमी के चलते सुधार कार्य और मेंटेनेंस नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि अनेक क्षेत्रों में फाल्ट आने के कारण गुल हुई बिजली 48 घंटे बाद भी बहाल नहीं हुई है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं में भी आक्रोश देखा जा रहा है और लोग बिजली कार्यालयों में मौजूद अधिकारियों पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं।
इस बीच बताया जा रहा है कि आज शाम तक इस मुद्दे पर सरकार बिजली कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों से वार्ता कर सकती है। इसी संभावना को देखते हुए आंदोलन में शामिल संगठनों के पदाधिकारी भोपाल पहुंच रहे हैं और उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रदेश सरकार और ऊर्जा विभाग बिजली कर्मचारियों की वर्षों से लंबित जायज मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेगा और शोषित और तनावग्रस्त बिजली कर्मियों को राहत प्रदान करेगा।
गौरतलब है कि प्रदेश के बिजली कर्मी अपनी तीन सूत्रीय मांगों आउटसोर्स कर्मियों एवं मीटर वाचकों का बिजली कंपनियों में संविलियन करने और एचआर नीति बनाने, संविदा अधिकारी एवं कर्मचारियों का नियमितीकरण करने तथा नियमित कर्मचारियों को वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनिफिट का भुगतान करने की मांग को लेकर अनिश्चितकाली कामबंद हड़ताल पर बैठे हैं।