मध्य प्रदेश में 17 सूत्रीय लंबित मांगों को आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों ने आज तीसरे दिन भी जबलपुर मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर नारेबाजी की और सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की गई। मध्य प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, मध्य प्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, मध्य प्रदेश शासकीय वाहन चालक यांत्रिक कर्मचारी संघ एवं मध्य प्रदेश पेंशनर्स एसोसिएशन ने मिलकर तीसरे चरण के आंदोलन में प्रदेश के 52 जिलों में जिला मुख्यालयो पर प्रदर्शन किया। अपनी प्रमुख मांगों को लेकर सरकार का ध्यानाकर्षण कराया।
यह हैं मुख्य मांगे
मुख्य रूप से प्रदेश के 60 हजार लिपिको को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान दिये जाने, भृत्य का पद नाम बदल कर कार्यालय सहायक करने, वर्ष 2016 से रुकी हुई पदोन्नति को बहाल करने, सहायक ग्रेड-3, को कम्प्यूटर आपरेटर के समानग्रड पे 2400 दिए जाने, पुरानी पेंशन बहाल किए जाने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का ग्रेड पे 1300 के स्थान पर 1800 किये जाने, स्थाई कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिये जाने, 2007 के बाद नियुक्त दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किये जाने तथा प्रदेश केआंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, कार्यकर्ता अंशकालीन कर्मचारियों कोटवार, आशा, उषा कार्यकर्ता, मिड डे मील की रसोईया आदि के मांगों पर प्रकाश डाला गया।
पांचों कर्मचारी संघों के प्रांत अध्यक्षों ने बताया कि अगर प्रदेश सरकार ने शीघ्र मांगों का निराकरण नहीं किया तो आने वाले 5 जून को प्रदेश में आधे दिवस की टूल डाउन हड़ताल की जाएगी। उसके बाद भी मांगो का निराकरण नहीं किया गया तो 17 सूत्रीय मांगों को लेकर 1 दिन का सामूहिक अवकाश और उसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा भी की जा सकती है।
इस दौरान जैसन अगस्टिन, अजय कुमार दुबे, शशांक तिवारी, सत्येंद्र भट्ट, रवि केवट, साधना चंद्रोल, विपिन पीपरे, वैद्यनाथन अय्यर, कमल मुकद्दर, निर्देश रजक, सत्यम नगरिया, गणेश मेहरोलिया, नम्रता कोस्टा, अंजली कनौजिया, दुर्गा, नेहा दुबे, अजय बर्मन आदि उपस्थित रहेl