मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा द्विव्यांग शिक्षक सुनील कुमार जैन का स्थानांतरण शासकीय पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण संस्थान मांटेसरी जबलपुर में किया गया था, जहां प्राचार्य द्वारा स्थानांतरित शिक्षक को कार्यभार ग्रहण कराने के उपरांत उन्हें स्वयंभू आदेश से दूरभाष का संदर्भ देकर स्थानांतरित शिक्षक को पुनः पूर्व पदांकित संस्था हेतु कार्यमुक्त कर दिया गया है।
कर्मचारी संघ के योगेंद्र दुबे, मंसूर बेग, मुकेश सिंह आदि का कहन है कि संचार क्रांति के इस युग में ईमेल, पोर्टल आदि के माध्यम से आदेश सेकेंड्स में इधर से उधर हो जाते हैं, जबकि यहां प्राचार्य ने, द्विव्यांग शिक्षक के वापिसी आदेश में किस अधिकारी के दूरभाष पर निर्देश प्राप्त हुए हैं, इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व प्राथमिक प्रशिक्षण संस्थान मांटेसरी जबलपुर के प्राचार्य को प्रभारी संयुक्त संचालक के पद पर रहते हुए रिश्वत कांड लोकायुक्त द्वारा ट्रेप किया गया था, ट्रेप होने के एक वर्ष पश्चात भी इनके विरूद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत नही हुआ है। वहीं भृत्य के बाद अब प्राचार्य दिव्यांग शिक्षक को परेशान कर रहे हैं।
इस संपूर्ण प्रकरण में शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को मौन रहना आश्चर्य का विषय है। संपूर्ण प्रकरण पर प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री को ईमेल भेजकर मांग की है कि शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश का पालन सुनिश्चित कराते हुए द्विव्यांग शिक्षक को प्रताड़ित करने वाले प्राचार्य के विरूद्ध कार्यवाही की जाए।