जबलपुर (हि.स.)। स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी पर प्रतिबंध को लेकर बनाए गए ट्रिब्यूनल में सुनवाई की गई। गुरुवार को हुई इस सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सिमी से संबंधित जो सदस्य हैं, उनकी गतिविधियां अभी भी जारी हैं, इसलिए किसी भी तरह से सिमी पर लगा प्रतिबंध अभी ना हटाते हुए इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
इसके साथ ही सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि देश के कई शहरों में अभी भी सिमी की गतिविधि जारी है। सिमी की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट नईम खान का कहना है कि कल जब सुनवाई होगी तो हम भी अपना पक्ष रखेंगे। अधिवक्ता नईम खान ने बताया बीते कुछ सालों से सिमी के खिलाफ किसी भी जिले में अपराध दर्ज नहीं हुआ है। उनका कहना है बीते कुछ सालों में सिमी की कोई भी एक्टिविटी भी नहीं देखने को मिली। जिससे साफ जाहिर होता है कि सिमी का जो संगठन है वो पूरी तरह से खत्म हो चुका है। लिहाजा उस पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की जाएगी।
नईम खान का कहना है की शासन के पास अगर कोई सबूत हो तो वो यह भी बताए कि बीते सात-आठ सालों में किस जिले में सिमी के खिलाफ कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि सिमी के वकील शुक्रवार को अपनी बात कोर्ट को बताएंगे। सुनवाई में शासन ने चार घंटे तक बहस की और अपना पक्ष रखा। शासन ने सिमी के प्रतिबंध को लेकर कई अहम सबूत भी कोर्ट के समक्ष रखे हैं। जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की कोर्ट में करीब चार घंटे तक सुनवाई चली।