हिन्दी महोत्सव 2023: मध्यप्रदेश विद्युत परिवार ने किया वरिष्ठ कथाकार राजेन्द्र दानी का सम्मान

हिन्दी की ध्वनि अलग होती है। पढ़ते समय कागज पर उकेरे गए हिन्दी के सुन्दर शब्द उठ कर दिखाई देने लगते हैं। तदाशय के विचार वरिष्ठ कथाकार राजेन्द्र दानी ने आज मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी समिति के तत्वावधान में शक्त‍िभवन स्थ‍ित केन्द्रीय ग्रंथालय में आयोजित हिन्दी महोत्सव 2023 के उद्घाटन के अवसर पर व्यक्त किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक अख‍िलेश कुमार अग्रवाल ने की। राजेन्द्र दानी ने कहा कि जिस देश में हम रहते हैं, उस देश की मुख्य भाषा का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके लिए यह गौरवान्व‍ित होने का विषय है कि जिस संस्थान में वे कार्यरत रहे वहां उन्हें आतिथ्य दे कर सम्मानित किया गया।

देश के हिन्दी के वरिष्ठ कथाकार राजेन्द्र दानी को हिन्दी समिति के द्वारा शॉल, श्रीफल व सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पावर मैनेजमेंट कंपनी के उप महाप्रबंधक प्रशासन व हिन्दी महोत्सव के संयोजक आलोक श्रीवास्तव, समागम रंगमंडल के लेखक व निर्देशक आशीष पाठक, जनसम्पर्क अध‍िकारी पंकज स्वामी सहित बड़ी संख्या में सभी विद्युत कंपनियों के कार्मिक उपस्थि‍त थे।

भाषा का साथ नहीं छोड़ना चाहिए

अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक अख‍िलेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि आम बोलचाल में शुद्ध हिन्दी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भाषा जब आपका साथ नहीं छोड़ रही, तो उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए। भावनाओं को व्यक्त करने के लिए और कठिन से कठिन चीजों को सरल करके समझाने के लिए भाषा की बहुत बड़ी भूमिका है।

प्रश्न मंच प्रतियोगिता में उत्साह से भाग लिया प्रतिभागियों ने

हिन्दी महोत्सव के उद्घाटन दिवस पर विद्युत कंपनियों के कार्मिकों के लिए प्रश्न मंच प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता आधा सैकड़ा प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता की। प्रश्न मंच प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को 35 मिनट में हिन्दी व सामान्य ज्ञान पर केन्द्रि‍त 70 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर देने थे। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने उत्साह से भाग लिया।

अग्न‍ि और बरखा नाटक की प्रस्तुति

हिन्दी महोत्सव के प्रथम दिन समागम रंगमंडल के कलाकारों ने स्वाति दुबे के निर्देशन में गिरीश कर्नाड के ‘अग्न‍ि और बरखा’ नाटक की प्रस्तुति दी। 17 कलाकारों ने लोककथा को आधुनिक विचार के साथ प्रस्तुत किया। मानवीय जटिलताओं, घृणा और पद लोलुपता के संघर्ष से शुरु हो कर यह नाटक प्रेम पर समाप्त होता है और उच्च मानवीय मूल्यों को स्थापित करता है।

पुस्तक प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र बनी

हिन्दी महोत्सव के अवसर पर त्रिलोक सिंह स्मृति पुस्तकालय की ओर से एक पुस्तक प्रदर्शनी आयोजन स्थल पर संयोजित की गई है। इस प्रदर्शनी में हिन्दी साहित्य की श्रेष्ठ पुस्तकों के साथ विश्व के सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों के हिन्दी अनुवाद की पुस्तकें आकर्षण का केन्द्र रही। कार्यक्रम का संचालन मध्यप्रदेश विद्युत परिवार हिन्दी के महासचिव राजेश पाठक ने किया।     

13 सितंबर को तात्कालिक निबंध प्रतियोगिता

हिन्दी महोत्सव के द्वितीय दिवस पर 13 सितंबर को तात्कालिक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन अपरांह 2.30 बजे से शक्त‍िभवन स्थि‍त केन्द्रीय ग्रंथालय में किया गया है।