हर कहीं होली का हर्ष और उल्लास है, सभी मौज मस्ती कर रहे हैं, पकवान खा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ नौकरी से हटाए गए मध्यप्रदेश के लगभग 1028 आउटसोर्स कर्मचारियों के घर रंगो का त्यौहार फीका पड़ गया। इन कर्मचारियों के घरों से ना पकवानों की सुगंध आई, ना इनके बच्चों को रंग और पिचकारी मिल सकी। सूनी आंखों से परिजन मुख्यमंत्री, ऊर्जमंत्री, पीएस एनर्जी और बिजली अधिकारियों की ओर आस लगाकर देखते रहे कि कोई तो इनकी भी सुध लेगा और इनके जीवन में रंग भर देगा, लेकिन अफसोस अभी तक किसी ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई।
आउटसोर्स कर्मचारियों ने बताया कि भोपाल सिटी सर्किल में नौकरी से हटाए गए 57 आउटसोर्स कर्मी और उनका रोता बिलखता परिवार आशा भरी नजरों से पीएस एनर्जी की ओर देख रहे हैं, कि कब नई किरण निकले, कब सभी कर्मचारियों की वापसी का मार्ग प्रशस्त हो, जीवन फिर से रंगीन हो जाए। लेकिन आज इन कर्मचारियों से काम करवाने वाले उच्च अधिकारी मौन बैठे हैं, जिनके साथ इन कर्मचारियों ने 7 से 8 साल हर विषम परिस्थितियों में काम किया।
वहीं कुछ कर्मचारी तो अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। कुछ कर्मचारियों से ड्यूटी तक करवा ली, पर उन्हें पारिश्रमिक ही नहीं दिया गया और फरवरी माह में काम करवाने के बाद नौकरी पर आने से भी मना कर दिया गया। आउटसोर्स कर्मी आनंद मालवीय ने अपने उच्च अधिकारियों से नम आंखों से निवेदन किया की हटाए गए कर्मचारियों की वापसी की जाए, जिससे सभी आउटसोर्स कर्मचारी खुशी-खुशी सभी त्यौहार और उत्सव मना सकें। एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐलान करते हैं कि एक लाख रोजगार उपलब्ध कराएंगे, वहीं दूसरी तरफ बिजली विभाग में नौकरी कर रहे कर्मचारियों को सेवा से निष्कासित कर दिया गया है।