मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि जबलपुर संभागीय पेंशन कार्यालय के अधिकारियों द्वारा सभी संवर्गों के एक ही पेंशन प्रकरण में हर बार अलग-अलग आपत्ति लगाकर पेंशन प्रकरण निराकरण न करते हुए उन्हें वापिस किया जा रहा है। इन आपत्तियों में कोई भी सार नहीं हैं, वह विभागीय स्तर से आसानी से निपटाई जा सकती हैं, परंतु अधिकारियों द्वारा अधिक धन उगाही के चक्कर में प्रकरणों को उलझा कर कर्मचारियों को बेवजह आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान कर उनको पेंशन से लंबे समय तक वंचित किया जा रहा है।
पेंशन कार्यालय में अनेकों प्रकरण लंबित पडे हुए हैं, इसकी सूचना विभागों को नहीं दी जाती है, जिससे समय रहते प्रकरणों को दुरस्त किया जा सके। एक ही प्रकरण में बार-बार अलग-अलग आपत्ति लगाकर लंबे समय तक लटकाया जाता है, जिसमें अधिकारी की मंशा स्पष्ट रूप से समझ में ना आने के कारण पेंशन प्रकरण अधर में लटके हुए हैं। सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारी वैसे ही शारीरिक एवं आर्थिक रूप से असहाय हो जाता है व कर्मचारी का जीवन निर्वहन मुश्किल हो रहा है। ऐसे में बार-बार पेंशन के लिए भटकाना अत्यंत अशोभनीय कृत्य है, ऐसा कृत्य करने वाले अधिकारियों को तुरंत पद से अलग कर पेंशन कार्यालय को भ्रष्टाचार से मुक्त कराया जाये।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाधयाय, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, ब्रजेश मिश्रा, दुर्गेश पाण्डेय, संजय उपाध्याय, मनोज खन्ना, राजेश चतुर्वेदी, मनोज सिंह, परशुराम तिवारी, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, सीएन शुक्ला, श्यामनारायण तिवारी, चूरामन गूजर, संदीप चौबे, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, निशांक तिवारी, सतीश देशमुख, योगेश कपूर, रमेश काम्बले, पंकज जायसवाल, प्रीतोष तारे, शेरसिंह, अभिषेक वर्मा, वीरेन्द्र पटेल, रामकृष्ण तिवारी, रितुराज गुप्ता, अमित गौतम, अनिल दुबे, अतुल पाण्डे, राकेश वर्मा आदि ने कलेक्टर से मांग की है कि पेंशन कार्यालय में लग रही बार बार आपत्तियों को रोक लगाई पेंशन कार्यालय के पेंशन प्रकरणों में हो रही हीलाहवाली की जांच कर जाये कार्यवाही की जाये।