मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि ब्रहमस्वरूप वेतनमान के गलत निर्धारण से स्वास्थ्य कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। कर्मचारियों को आईएफएमआईएस में विकल्प से संबंधित जानकारी न होने के कारण अधिकांश कर्मचारी जो वर्ष 2000 के पश्चात नियुक्त हैं को छटवें वेतनमान का विकल्प 1 जनवरी 2006 से प्रस्तुत किया था, इस परिस्थिति में न्यूनतम वेतन 5680 ग्रेड पे 1900 में अनुमोदित किया गया है। ब्रहमस्वरूप 1 अप्रैल 2006 से आने की स्थिति में वेतन जस का तस सिर्फ ग्रेड पे 2100 परिवर्तित हुई है और इससे कर्मचारियों को 1 जुलाई 2006 की वार्षिक वेतन वृद्धि भी सॉफ्टवेयर में प्राप्त नहीं हुई है तथा वर्ष 2000 के पूर्व के नियुक्त कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2005 के प्राप्त बेसिक में 1.86 का गुणा करके ब्रहमस्वरूप वेतनमान में 1 अप्रैल 2006 से सिर्फ ग्रेड पे परिवर्तन कर वेतन वृद्धि 1 जुलाई 2007 में प्रदान की गई है।
जिससे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हुआ है एवं छटवें वेतनमान की भांति ब्रहमस्वरूप वेतनमान में भी विकल्प का प्रावधान है, परन्तु कार्यालय में जानकारी का अभाव होने के कारण स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसका लाभ ज्यादातर 1 अप्रैल 2006 से ही बिना विकल्प के प्रदान कर दिया गया है। विकल्प का लाभ प्राप्त होने से वेतन वृद्धि दिनांक से ही ब्रहमस्वरूप का लाभ लेकर ब्रहमस्वरूप एवं छटवें वेतनमान की वार्षिक वेतन वृद्धि साथ-साथ प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनका आर्थिक नुकसान नहीं होगा। संचालनालय कोष एवं लेखा भोपाल द्वारा ऐसे नियम एवं पत्र प्रकाशित करते हैं, जो कार्यालय प्रमुखों के पास पत्र पहुंचते ही नहीं हैं। जिससे नियमानुसार वेतन निर्धारण में भारी त्रुटि होती है और स्वास्थ्य कर्मचारियों को रिकवरी जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, वीरेन्द्र चन्देल, एसपी वाथरे, दुर्गेश पाण्डे, इन्द्रजीत मिश्रा, अनिल दुबे, तुषेन्द्र सिंह सेंगर, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, सीएन शुक्ला, चूरामन गुर्जर, सतीश देशमुख, गणेश शुक्ला, अमित गौतम, सुधीर गौतम, रितुराज गुप्ता, श्याम नारायण, तारिक, नवीन यादव, संदीप चौबे आदि ने संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा से छटवें वेतनमान एवं ब्रहमस्वरूप वेतनमान के निर्धारण में आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर में विकल्प पुनः खोले जाने की मांग की है। जिससे कर्मचारियों का वेतन निर्धारण सही तरीके से हो सके और उन्हें आर्थिक नुकसान न हो पाये।