मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक ने मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में ‘अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के लिए वार्षिक आय सीमा 6 लाख से बढ़ा कर 8 लाख रूपये करने की सहमति प्रदान की। आय सीमा में वृद्धि से अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के व्यापक अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के 3 वर्षीय बजट एवं वित्तीय प्रावधानों की प्रशासकीय स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना-2023 के 3 वर्षीय बजट एवं वित्तीय प्रावधानों के (वित्तीय वर्ष 2023-24 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक) अंतर्गत 41 हजार 923 करोड़ रूपये से अधिक की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।
शासन संधारित मंदिरों की कृषि भूमियों के प्रबंधन के आदेश का अनुसमर्थन
मंत्रि-परिषद ने शासन संधारित मंदिरों की कृषि भूमियों के प्रबंधन के संबंध में 22 अप्रैल, 2023 को जारी विभागीय आदेश का अनुसमर्थन किया। आदेश अनुसार जिन शासन संधारित मंदिरों के पास 10 एकड़ तक कृषि भूमि संलग्न है, उनसे होने वाली आय का उपयोग पुजारी स्वयं के लिये कर सकेंगे। ऐसे शासन संधारित मंदिर, जिनमें 10 एकड़ से अधिक कृषि भूमि संलग्न है, से होने वाली आय का उपयोग पुजारी स्वयं के लिए कर सकेंगे। शेष कृषि भूमियों को जिला कलेक्टर को सूचित करते हुए पारदर्शी प्रक्रिया अपना कर कृषि प्रयोजन के लिये नीलामी कर सकेंगे। नीलामी से प्राप्त होने वाली आय मंदिर के खाते में जमा करायी जायेगी।
10 लाख 80 हजार टन रसायनिक उर्वरकों का अग्रिम भण्डारण 31 मई तक
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में रसायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो के दृष्टिगत वर्ष 2023-24 के लिए अग्रिम भण्डारण एक फरवरी से 31 मई की अवधि में 10 लाख 80 हजार टन मात्रा किए जाने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि रसायनिक उर्वरकों (यूरिया, डीएपी, काम्प्लेक्स एवं पोटाश) की अग्रिम भण्डारण योजना में राज्य में डीएपी, कॉम्प्लेक्स, पोटाश एवं यूरिया उर्वरकों की व्यवस्था के लिये मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ को राज्य नोडल एजेंसी घोषित किया गया है।
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के कंप्यूटराईजेशन के लिए 145 करोड़ रूपये की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा लागू की गई प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) के कंप्यूटराईजेशन के लिए केन्द्र प्रायोजित परियोजना में प्रदेश की 4534 पैक्स का कंप्यूटराईजेशन कराये जाने की स्वीकृति दी गई। इस योजना का अनुमोदन सूचना प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाओं की समीक्षा एवं अनुमोदन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित साधिकार समिति की बैठक में 10 फरवरी 2023 को किया गया था। साधिकार समिति की अनुशंसा अनुसार परियोजना के क्रियान्वयन के लिये सहकारिता विभाग को अधिकृत किया गया है।
परियोजना में आवश्यक हार्डवेयर का क्रय GeM पोर्टल से केन्द्र सरकार द्वारा जारी GFR 2017 एवं अन्य निर्देश अनुसार किये जाने की अनुमति दी गई। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा भारतनेट योजना अनुसार प्रदेश की 4534 पैक्स के मुख्यालयों पर ऑप्टिकल फाइबर आधारित इंटरनेट कनेक्टिविटी प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराई जायेगी। परियोजना के लिये अनुमानित व्यय राशि 145 करोड़ रूपये, जिसमें केन्द्रांश का 87 करोड़ रूपये और राज्यांश के 58 करोड़ रूपये शामिल है, की स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना के आगामी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक निर्णय लेने के लिए साधिकार समिति अधिकृत की गयी है।
बाल सरंक्षण योजना “मिशन वात्सल्य” को सभी जिलों में संचालित करने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने केन्द्र सरकार द्वारा समेकित बाल-सरंक्षण योजना “मिशन वात्सल्य” को नवीन नार्म्स अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में संचालित करने की स्वीकृति प्रदान की। केन्द्र सरकार द्वारा समेकित बाल-सरंक्षण योजना “मिशन वात्सल्य” नवीन नार्म्स अनुसार वर्ष 2023-24 से आगामी वर्षों के लिये संचालित करने की स्वीकृति प्रदान की। वर्ष 2022-23 से 2025-26 तक समेकित बाल-संरक्षण योजना “मिशन वात्सल्य” में स्वीकृत 676 संविदा पदों को प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत मानदेय वृद्धि के साथ और 394 नियमित पदों को निरन्तर किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम-2019 में संशोधन का अनुमोदन
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम-2019 में संशोधन का अनुमोदन किया गया। प्रदेश में 44 जिलों के रेत समूहों का “ई-निविदा” के स्थान पर “ई-निविदा-सह-नीलामी” प्रक्रिया द्वारा समूहवार ठेके से निर्वर्तन किया जायेगा। ठेके की अवधि, अनुबंध दिनांक से 3 वर्ष (दो अतिरिक्त वर्ष हेतु विस्तारणीय) निर्धारित किये जायेंगे। राज्य खनिज निगम द्वारा वैधानिक अनुमतियाँ (माइनिंग प्लान / पर्यावरण अनुमति / जलवायु सम्मति आदि) प्राप्त की जायेंगी। निविदा में सफल एम.डी.ओ. (माईन्स डेवलपर कम ऑपरेटर), कलेक्टर एवं निगम के बीच त्रि-पक्षीय अनुबंध का निष्पादन किया जायेगा। ठेका राशि की देयता त्रैमासिक के स्थान पर मासिक किश्त के रूप में और ठेका राशि में 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि प्रति वर्ष जुलाई के स्थान पर ठेका संचालन का 1 वर्ष पूर्ण होने पर की जायेगी।