एमपी यूनाइटेड फोरम के साथ बैठक में एमडी ने जारी किए संविदा कर्मियों के इंक्रीमेंट निराकरण के निर्देश

मध्य क्षेत्र बिजली प्रबंधन के प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम के प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार की अध्यक्षता में विद्युत संविदा कर्मियों की 13 सूत्रीय मांगों के संबंध में सौहार्दपूर्ण माहौल में बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में प्रबंध संचालक के द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की गई।

बैठक में चर्चा के दौरान मध्य क्षेत्र कंपनी अंतर्गत विभिन्न सर्किल में संविदा नीति 2018 के अनुसार 1% इंक्रीमेंट में विसंगतियां पाई गई जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा त्वरित इंक्रीमेंट निराकरण के निर्देश जारी किए गए। संविदा नीति 2018 में परीक्षण सहायक संविदा के बेसिक निर्धारण में हुई त्रुटि के कारण उनका बेसिक निर्धारण नियमित के 90% नहीं किया गया, जिसकी जांच के संपूर्ण आदेश उपरांत निराकरण के निर्देश प्रबंध संचालक के द्वारा दिए गए।

कंपनी स्तर पर संविदा कर्मियों के प्रत्येक ट्रांसफर पर उनका अलग ईपीएफ खाता बनाया गया, जोकि UAN के नियम का उल्लंघन है। जिस पर फोरम के द्वारा बताया गया कि कहीं दो ट्रांसफर पर दो ईपीएफ खाते तो कहीं तीन ट्रांसफर पर तीन ईपीएफ खाते एचआर की लापरवाही के कारण बनाए गए हैं । जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए गए की प्रत्येक सर्कल एवं डिवीजन में HR शिविर लगाकर ऐसे प्रकरणों का निराकरण करें साथ ही समस्त एचआर को ईपीएफ के संबंध में आज ही SOP जारी की जाएगी, ताकि उन्हें पता हो की इस प्रक्रिया में विभागीय रूप से किस प्रकार कार्य करना है और आगामी इस प्रकार की त्रुटि नहीं होने के सख्त निर्देश जारी किए।

नवीन ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम में द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के विद्युत संविदा कर्मियों को भी कंपनी केडर की ही भांति उक्त स्कीम में जोड़ने की बात प्रबलता से रखी गई जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा कहा गया कि मुझे जानकारी प्राप्त हुई है कि संगठनो में नवीन इंश्योरेंस स्कीम पर सहमति नहीं बन पाई है फिर भी हम आपकी इस पहल का स्वागत करते हैं और आपसे अनुरोध है की सभी संगठनों में आपके माध्यम से सामंजस्य स्थापित किया जाए।

फोरम ने कहा संविदा कर्मी वर्षों से कार्यरत हैं किंतु आज दिनांक तक होने उच्च शिक्षा हेतु अनुमति नहीं दी गई है जिस पर प्रधान संचालक के द्वारा बताया गया कि यह निर्णय मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है इस हेतु राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त होने पर ही इस प्रकार का निर्णय लिया जा सकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत सबस्टेशन ऑपरेटर आदि को साप्ताहिक अवकाश नहीं दिया जाता एवं फोरम ने बताया अधिकांश जगह सब-स्टेशन ऑपरेटर से वसूली  कार्य एवं ऑफिस में भी कार्य लिया जाता है जिस कारण शेष 2 ऑपरेटर को सब स्टेशन पर 12-12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है। उक्त संबंध में प्रबंध संचालक के द्वारा तत्काल HR स्तर से जानकारी मांगी गई और कहा गया कि ऐसा नहीं होना चाहिए, हम सब-स्टेशन ऑपरेटर की भर्ती उसी अनुपात में कर रहे हैं ताकि उन्हें सप्ताहिक अवकाश दिया जाए इसकी जांच की जाए और प्रत्येक परीक्षण सहायक, सब-स्टेशन आपरेटर को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने हेतु निर्देश जारी किए गए।

ग्रामीण क्षेत्र एवं कुछ शहरी क्षेत्र के विद्युत उपकेंद्र में शौचालय की व्यवस्था नहीं है एवं कई जगह तो महिला कर्मचारी पदस्थ होने के बावजूद भी शौचालय एवं शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं की गई है जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा बताया गया कि जहां शौचालय नहीं है वहां भी आगामी दिनों में नवीन शौचालय निर्मित किए जाने की योजना पर हम काम कर रहे हैं एवं शौचालय होने के बावजूद पानी की व्यवस्था नहीं है। तत्काल ऐसे शौचालय को चिन्हित कर पानी की व्यवस्था की जावे।

फोरम के द्वारा बताया गया कि तकनीकी कर्मचारियों के पास सुरक्षा संसाधन नहीं पहुंच पाते एवं मूलभूत सुरक्षा संसाधनों के अभाव में दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा कहा गया कि सुरक्षा संसाधनों की बढ़ोतरी पर भी काम हो रहा है। शीघ्र ही प्रत्येक उपकेंद्र स्तर पर सुरक्षा संसाधन उपलब्ध करवाए जाएंगे और फोरम से अनुरोध किया गया कि आप भी अपनी ओर से यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक तकनीकी कर्मचारी सुरक्षा संसाधनों का उपयोग कर ही कार्य करें ताकि दुर्घटनाओं में वृद्धि न हो जिस पर फोरम ने आश्वस्त किया कि आप सुरक्षा संसाधन उपलब्ध करवाएंगे तो कर्मचारी उसका उपयोग अवश्य करेगा क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जान की चिंता होती है किंतु संसाधनों के अभाव में मजबूरी में उसे कार्य करना पड़ता है।

फोरम द्वारा बताया गया कि बारिश के मौसम में अधिकतम विद्युत उपकेंद्र के कंट्रोल रूम की छत से पानी का रिसाव होता है, जिससे कंट्रोल रूम में लगे हुए विद्युत पैनल को नुकसान हो सकता है जहां मरम्मत होना आवश्यक है एवं कुछ उपकेंद्र का निर्माण डूब प्रभावित क्षेत्र में दिए जाने के कारण समुचित उप केंद्र में जलभराव की समस्या आती है जिससे जान का जोखिम भी बना रहता है जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा बताया गया कि आगामी 3 वर्ष तक समस्त उपकेंद्र की मरम्मत एवं नवीनीकरण का कार्य का लक्ष्य हमारे द्वारा रखा गया है एवं इस प्रकार की समस्या शेष नहीं रहने दी जाएगी समस्त सब-स्टेशन की मरम्मत एवं नवीनीकरण का कार्य 3 वर्ष की समय सीमा में पूरा करने हेतु प्रयास किया जावेगा। 

फोरम के द्वारा बताया गया कि कंपनी अंतर्गत लंबे समय से नियमित कर्मी की भर्ती ना होने के कारण भिंड एवं मुरैना में विद्युत व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण कार्यों से अलग कर परीक्षण सहायक से मीटर रीडर के स्थान पर कार्य कराया जा रहा है जो कि उनकी भर्ती सेवा के नियमों का उल्लंघन है जिस पर कुछ परीक्षण सहायक पर दंडात्मक कार्यवाही भी उक्त कार्य के संबंध में की जा रही है जबकि उस कर्मचारी का वह कार्य ही नहीं है जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा कहा गया कि किसी भी कर्मचारी के ऊपर गलत कार्यवाही नहीं की जावेगी एवं उक्त प्रकरण कि मैं जांच करवाता हूं।

अधिकांश विद्युत कर्मी लंबे समय से अपने घर एवं परिवार से दूर पदस्थ हैं जिस कारण निरंतर मानसिक अवसाद बना रहता है जिस संबंध में मध्य क्षेत्र कंपनी अंतर्गत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत संविदा कर्मियों को वन टाइम ट्रांसफर से जोड़कर उनके गृह जिले में पदस्थ किया जावे जिस पर सहमति जताते हुए प्रबंध संचालक के द्वारा बताया गया कि शीघ्र ही ऑनलाइन पोर्टल जारी कर दिया जावेगा, जिसमें तीन ऑप्शन रखे जाएंगे किंतु उक्त ट्रांसफर हम केवल मध्य क्षेत्र अंतर्गत ही कर सकते हैं जिसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।

संविदा नीति 2018 के अनुसार संविदा कर्मी को जनवरी महीने में महंगाई भत्ता एवं इंक्रीमेंट का लाभ दिया जाता है जिसमें एचआर मैनेजमेंट की अव्यवस्था के कारण उसे समय पर नहीं लगाया जाता है, जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा निर्देश जारी किए गए कि संविदा कर्मियों के इंक्रीमेंट एवं महंगाई भत्ते को जनवरी माह में ही कर्मचारियों को समय पर दिए जाने की व्यवस्था की जावे।

संविदा नीति 2018 के अनुसार राष्ट्रीय त्योहारों पर संविदा कर्मी की छुट्टी घोषित की गई है, लेकिन फिर भी विभागीय अधिकारियों के द्वारा कर्मचारियों की कमी के कारण संविदा कर्मचारियों की राष्ट्रीय त्योहारों पर ड्यूटी लगाई जाती है जिस पर उन्हें अतिरिक्त मानदेय प्राप्त नहीं होता जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा विस्तृत चर्चा की गई फोरम ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के कारण संविदा कर्मियों की ड्यूटी नहीं लगाना प्रायोगिक तौर पर संभव नहीं हो पाता जिस पर प्रबंध संचालक के द्वारा उक्त मांग को स्वीकारते हुए इस मुद्दे पर अतिरिक्त भत्ता दिए जाने के संबंध में आश्वस्त किया गया।

बैठक में प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार, मध्य क्षेत्र कंपनी संयोजक आरएस कुशवाहा प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र श्रीवास्तव, प्रांतीय प्रचार सचिव दुर्गेश दुबे, भोपाल रीजन अध्यक्ष मुकेश वर्मा, सदस्य चंद्रमणि गजभिए, कुलदीप खांडेकर, श्रीमती कल्पना, राजेंद्र चौबे, प्रशांत, मनमोहन पनिका आदि अधिकारी एवं कर्मचारियों की उपस्थिति रही।